देश में पीछे तीन दिनों में संक्रमितों की संख्या में हुई बढ़ोतरी, जाने क्या है इसके पीछे की वजह
कोरोना की धीमी पड़ी लेहर को देखते हुए देश की कई राज्य सरकारों ने अपने-अपने यहां कोरोना पाबंदियों को धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया है।
कोरोना की धीमी पड़ी लेहर को देखते हुए देश की कई राज्य सरकारों ने अपने-अपने यहां कोरोना पाबंदियों को धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया है। ताकि कोरोना के समय लगे लॉकडाउन की वजह से व्यापार जो पटरी से उतर गया है। उसे वापस पटरी पे ला सके। इसके विपरीत कोरोना पाबंदिया हटते ही लोगों को ऐसा लगने लगा है कि कोरोना अब चला गया है। शायद यही वजह है कि जिन राज्यों में लॉकडाउन में ढील दी गयी है। वहां के बाज़ारों में एक बार फिर से लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
डेल्टा वेरिएंट और कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भी लोग लापरवाही करते दिख रहे है। जोकि खतरे को बुलावा देना जैसा है। इन्हीं लापरवाहियों की वजह से पिछले तीन दिनों के अंदर देश में कोरोना के आकड़ो में बढ़ोतरी देखी गयी है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 48,878 लोग संक्रमित पाए गए है। वही 991 लोगों की मौत हुई। जबकि बुधवार को 45,951 और मंगलवार को देश में कोरोना वायरस के 37,566 नए मामले सामने आए थे।
ऐसी लापरवाहियां देश के लिए काफ़ी घातक साबित हो सकती है
एक दम से संक्रमितों के मामलो में आये इस उछाल को कोरोना की तीसरी लहर से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जोकि देश और देशवासियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। दूसरी लहर ने देश में जो आतंक मचाया था उससे हम सब वाकिफ है। उसके बावजूद बिना मास्क के घूमना और लापरवाही करना सही नहीं होगा।
भोपाल और हिमाचल में लोग हल्के में ले रहे है डेल्टा वेरिएंट को
वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किये जाने के बावजूद लोग इसको काफ़ी हल्के में ले रहे है, और इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि भोपाल की सड़कों पर भी लोग कोरोना से बेफिक्र नजर आए। देश के टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक हिमाचल प्रदेश में एक दम से टूरिस्टों की भीड़ उमड़ पड़ी जिसकी वजह से वहां के प्रशासन को वहा धारा 144 लगानी पड़ी है।
देश में कोरोना की तीसरी लहर का आना लोगों पर निर्भर करता है
कोरोना के सबसे एडवांस वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट और तीसरी लहर को लेकर सरकार ने लोगो के लिए कुछ कुछ बातें साझा की हैं। जिसमे कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल ने कहा, तीसरी लहर का आना या आना हमारे हाथ में है। इसमें ओवरऑल डिसिप्लिन मायने रखता है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद डेल्टा वैरिएंट का अप्रत्याशित व्यवहार भी महामारी की तस्वीर को बदल सकता है।
सरकार द्वारा बताई गयी बातें
1- डेल्टा प्लस वेरिएंट पर और स्टडी की जरूरत है
2- इसके आने की तारीख तय करना सही नहीं होगा
3- लहर कितनी बड़ी होगी, ये हमारे व्यवहार पर निर्भर करेगा
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