सर्दियों में वायु प्रदूषण कम करने की कार्य योजना बना रही दिल्ली सरकार, करेगी ये काम

कूड़ा जलाने पर लगेगी रोक, कुल 250 टीमों का किया गया गठन, जन जागरूकता अभियान भी होगा वायु प्रदुषण नियंत्रित करने की शीतकालीन कार्य योजना का हिस्सा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 10-सूत्रीय “शीतकालीन कार्य योजना” की घोषणा की। आगामी त्योहारों से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने यह फैसला लिया है।

उन्होंने दिल्ली में सर्दियों में बढ़ जाने वाले वायु प्रदुषण को लेकर पडोसी राज्यों के सरकारों को दिल्ली मॉडल अपनाने की अपील की। उनका मानना है कि पडोसी राज्यों में किसानों के पराली जलाने को ना रोक पाने की विफलता दिल्ली में प्रदुषण को बढ़ा देती है। यही कारण है कि आज दिल्ली में वायु प्रदुषण को काम करने के लिए इस समस्या को भी लेकर नीतियां बनानी पड़ रही है। केजरीवाल ने शीतकालीन कार्य योजना को पूर्ण करने के क्रम में कचरा जलाने, धूल और वाहनों के उत्सर्जन की जांच के लिए टीमों का गठन किया गया।

यह है दिल्ली सरकार की कार्य योजना

उन्होंने दावा किया कि केंद्र और पड़ोसी राज्यों ने किसानों द्वारा पराली जलाये जाने को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। सर्दियों के मौसम में दिल्ली में इसी कारन वायु प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाता है।

केजरीवाल ने केंद्र और दिल्ली के पडोसी राज्यों से अपील की है कि देश की राजधानी दिल्ली के जैसे ही वे फसल अवशेषों के इन-सीटू प्रबंधन के लिए बायो-डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने सरकारों से हवा को साफ करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने धूल से होने वाले प्रदूषण की जांच के लिए निर्माण स्थलों के निरीक्षण के लिए 75 टीमों का गठन किया है और शहर में प्रदूषण हॉटस्पॉट की निगरानी के लिए विशेष दल भी होंगे।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए चिन्हित 64 सड़कों पर जाम की समस्या को दूर करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वाहनों की जांच के लिए 500 टीमों के गठन के साथ प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) का सख्ती से पालन किया जाएगा।

पर्यावरण के अनुकूल संशाधनो के उपयोग पर दिया जायेगा जोर

केजरीवाल ने कहा कि शहर में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए कुल 250 टीमों का गठन किया गया है। साथ ही, हरित युद्ध कक्षों को मजबूत करना और जन जागरूकता अभियान भी शीतकालीन कार्य योजना का हिस्सा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों को भी सीएनजी से चलने वाले वाहनों का उपयोग, थर्मल प्लांट और अन्य उद्योगों में स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना चाहिए। दिल्ली के कामों को उदहारणस्वरुप लेते हुए हॉटस्पॉट की निगरानी और डीजल के उपयोग को रोकने के लिए चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि फिलहाल दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण में है लेकिन सर्दियों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से यह बढ़ना शुरू हो जाएगा।

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