चीन पर रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज पीएम के बयान के ठीक विपरीत : प्रमोद तिवारी

Defense Ministry documents on China लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ने वेबसाइट पर जो दस्तावेज जारी किया है वह चीन द्वारा भारतीय सीमा के अंतिक्रमण पर प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये बयान के ठीक विपरीत है। पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने माना था किन्तु अब तो रक्षा मंत्रालय ने बाकायदा आक्रमण का ही नहीं बल्कि अतिक्रमण का भी दस्तावेजी वेबसाइट जारी कर दिया है। भारतीय रक्षा मन्त्रालय ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्र में चीन की सेना ने मई 2020 में अतिक्रमण किया था।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट में स्पष्ट कहा है कि:-

    • पैंगोग झील के उत्तरी तट, गोगरा और कुगरांग नाला सहित पूर्वी लद्दाख के कई
    • अलग-अलग हिस्सों में चीनी सेना ने 17-18 मई, 2020 को अतिक्रमण किया था।
    • दी गयी जानकारी के अनुसार कहा गया कि
    • 5 मई, 2020 के बाद से ही एल.ए.सी. से लगे हुये इलाकों में चीनी अतिक्रमण तेजी के साथ बढ़ा,
    • मुख्य रूप से गलवान घाटी में।

Defense Ministry documents on China:-

    • यह सर्वविदित है कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रोफेशनल बहादुर सेना है.
    • वह देश की सुरक्षा से न तो कभी समझौता कर सकती है और न ही कभी झूठ बोल सकती है.
    • तो फिर प्रधानमंत्री को देश की सीमाओं से जुड़ा झूठा बयान देने के लिये किसने गुमराह किया ?
    • रक्षा मंत्रालय ऐसा कर नहीं सकता ?
    • तो फिर प्रधानमंत्री कार्यालय ने हमारे प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले पर इतना बड़ा झूठ बोलने के लिये तथ्य क्यों दिये ?

प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय के बींच अविश्वास – प्रमोद

  • प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं है बल्कि दुनिया में हमारी स्थिति को हस्यास्पद भी बनाता है।
  • कहीं  यह प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय के बींच अविश्वास एवं संवादहीनता के कारण तो ऐसा नहीं हो रहा ?
  • जो भी हो राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर सही स्थिति देश के सामने आनी चाहिए ।
  • हम सभी भारतीय सेना के साथ है, और इस ”विष्व विजयी सेना” से देश की सीमाओं को सुरक्षित मानते हैं।
  • प्रधानमंत्री को ”श्वेत पत्र” जारी करके स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए,
  • और जिस किसी ने भी झूठ बोला है उसे संपूर्ण राष्ट्र से क्षमा याचना करनी चाहिए।

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