स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का देश की सेनाओं के नाम संबोधन
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का देश की सेनाओं के नाम संबोधन
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या के इस अवसर पर मेरी संवेदना एवं कृतज्ञता राष्ट्र की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर करने वाले उन रणबांकुरों के प्रियजनों के साथ भी है: रक्षा मंत्री
#स्वतंत्रतादिवस
उन्होंने उत्तराखंड के धारचूला से सीमा रेखा तक 6,000 से 17,060 फीट की ऊँचाई पर 80 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है जिसका मई महीने में मुझे उद्घाटन करने का अवसर मिला: रक्षा मंत्री
साथियों, Border Road Organization यानि सीमा सड़क संगठन के कर्मी भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अत्यंत दुर्गम परिस्थितिओं में भी कैलाश-मानसरोवर यात्रा और सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी स्थापित कर नए युग की शुरुआत की: रक्षा मंत्री
संकट काल में सशस्त्र बलों ने जो सेवा कार्य किया है वह हमें गर्व से भर देता है। DRDO ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सशस्त्र बलों, और उद्योग समूहों के साथ मिलकर नई दिल्ली में सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल12 दिन के रिकॉर्ड समय में निर्माण किया गया: RM
रक्षा मंत्रालय एवं इसके विभिन्न अंगों अर्थात सशस्त्र बलों, AFMS, DRDO, DPSUs, OFB , छावनी परिषद, भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा मंत्रालय की अन्य स्वायत्त इकाइयां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रारम्भ से ही सक्रिय रही हैं: रक्षा मंत्री
मैं सभी सेवारत कार्मिकों के साथ-साथ थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं तटरक्षक बल के पूर्व सैनिकों को भी शुभकामनाएं देता हूं। मैं उन परिवारजनों को भी बधाई देता हूँ जिनके प्रियजन उनसे बहुत दूर कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि गहरे समुद्र में भी तैनात हैं: रक्षा मंत्री
मेरे प्यारे सैनिक भाइयों एवं बहनों, आज मध्य रात्रि से भारतवर्ष 74वाँ #स्वतंत्रतादिवस मनाने जा रहा है। इस पावन अवसर पर मैं सशस्त्र सेनाओं में कार्यरत आप सभी सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं: रक्षा मंत्री
सशस्त्र बलों ने हमेशा समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभायी है। वर्ष 2020 इतिहास के पन्नों में कोविड-19 वर्ष के रूप में जाना जायेगा। इस महामारी से पूरा विश्व जैसे थम सा गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा हैं: रक्षा मंत्री
मई 2020 को वायु सेना स्टेशन सलूर के 18वें स्क्वाड्रन को एलसीए तेजस के दूसरे खेमे के माध्यम से Revive किया गया है। यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है। साथ ही वायु सेना की क्षमता को और प्रबल बनाने के लिए 21 मिग 29 विमान खरीदने की भी मंजूरी दी गई है: रक्षा मंत्री
इसके अतिरिक्त तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई MKI का 222 स्क्वाड्रन खड़ा किया गया है जो ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित है।इससे हिन्द महासागर में हमें Strategic Depth मिलती है: रक्षा मंत्री
खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गए हैं। दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे। बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है: रक्षा मंत्री
आपको याद होगा लम्बे समय से भारतीय वायुसेना में नए आधुनिक लडाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। हमारी सरकार आते ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट कर 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया: रक्षा मंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लालकिला की प्राचीर से CDS के गठन की ऐतिहासिक घोषणा की। CDS के गठन से सेनाओं के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे:RM
राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं। दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हर बार की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे: रक्षा मंत्री
इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है। भारतवर्ष जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है। परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे: रक्षा मंत्री
हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी Operational Requirement
आज मैं गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नही सकता।
मैं उनके परिवारों को भरोसा देना चाहता हूँ कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है:
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