प्रदूषण की वजह से कम हो रही उम्र
- वायु प्रदूषण मनुष्य के स्वाथ्य के लिए जानलेवा होता जा रहा है।
- वायु प्रदूषण से लोगों की उम्र को समय से पहले ही कम कर रहा है।
- एक रिसर्च के अनुसार वायु प्रदूषण से औसतन उम्र में तीन साल की कमी हो रही है।
- इससे दुनियाभर में 88 लाख लोगों की मौत समय से पहले ही हो जा रही है.
मलेरिया से भी घातक है वायु प्रदूषण:
जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री के शोधकर्ताओं पता चला है - कि वायु प्रदूषण युद्ध, सभी प्रकार की हिंसा, रोगाणुओं से होने वाली बीमारी जैसे मलेरिया,
- एड्स और धूम्रपान की तुलना में कहीं ज्यादा घातक है. पत्रिका कार्डियोवस्कुलर रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, दुनिया वायु प्रदूषण की महामारी से जूझ रही है.
एड्स पर भी भारी है वायु प्रदूषण:
मॉडलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का पता लगाया।
यह बताया कि वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में 2015 तक 88 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो चुकी है।
इससे पता चलता है कि दुनियाभर में जिंदगी औसतन तीन साल छोटी हो जाएगी।
जर्मनी की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर मेंज के शोधकर्ताओं ने कहा कि धूम्रपान
से आयु संभाविता में औसतन 2.2 साल की कमी आती है और एचआईवी/एड्स से आयु संभाविता में 0.7 साल की कमी आती है।
60 की उम्र से ऊपर वालों को ज्यादा खतरा:
शोधकर्ताओं ने तीन श्रेणियों में वायु प्रदूषण के प्रभावों की जांच की।
इनमें लोअर रेस्पाइरेट्री ट्रैक्ट इंफेक्शन, क्रोनिक, फेफड़ों का कैंसर, दिमाग के वाहिकाओं की बीमारी और अन्य प्रकार की न प्रसारित होने वाली बीमारियां शामिल थीं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल संबंधी बीमारियांऔर दिमाग की वाहिकाओं की बीमारियां मिलकर वायु प्रदूषण के खतरे से बड़ी होती हैं.।दुनियाभर में इनकारणों से आयु संभाविता में 43 फीसदी की कमी आती है।
उन्होंने देखा कि वायु प्रदूषण का उम्र पर पड़ने वाला प्रभाव सबसे ज्यादा बुजुर्गों पर पड़ा.
- दुनियाभर में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों में 75 फीसदी मौतों के मामले देखे गए हैं।
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