लखनऊ : दुबग्गा वन विभाग के जंगलों में मिला पेड़ से लटकता हुआ शव

दुबग्गा वन विभाग के जंगलों में पेड़ से लटकता 4 से 5 दिन पुराना भगवा धारी महंत का शव मिला है।

दुबग्गा वन विभाग के जंगलों में पेड़ से लटकता 4 से 5 दिन पुराना भगवा धारी महंत का शव मिला है। वन विभाग के जंगलों में नियुक्त किए गए 18 कर्मियों की भगवाधारी महंत के पेड़ से लटकते शव पर नजर नहीं पड़ी। इसके साथ ही काकोरी कोतवाली और ठाकुर गंज कोतवाली की पुलिसिंग पर भी खड़े सवाल हुए। जंगल में लकड़ी लेने आए ग्रामीणों ने पेड़ से लटकते भगवाधारी महंत के शव दिखाई देने पर पुलिस को सूचना दी। वहीं शव मिलने से आसपास के लोगों में सनसनी का माहौल है। मौके पर पहुंची  काकोरी पुलिस व डायल 100 ने पेड़ से लटकते भगवाधारी महंत के शव को नीचे उतारा। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

वही मौके पर पहुंच कर कवरेज करने गए पत्रकारों को वन विभाग के अधिकारियों ने बंधक बनाया। साथ ही पत्रकारों के खिलाफ वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने बंधक बना कर मारपीट की है। वह पूरे मामले में वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं पत्रकारों की तरफ से थाना ठाकुरगंज में लिखित शिकायत की गई है। वहीं अगर बात की जाए दुबग्गा वन विभाग की तो वन संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा  नियुक्त किए गए हैं 18 कर्मचारी जो जंगल की रखवाली करते हैं।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर वन विभाग द्वारा नियुक्त किए गए 18 कर्मचारियों की नियुक्ति के बावजूद कैसे पेड़ से लटकता भगवाधारी महंत का शव मिला। जबकि जंगल से कुछ ही दूरी पर दुबग्गा काकोरी पुलिस चौकी व थाना ठाकुरगंज पुलिस चौकी है। आखिर कैसे वन विभाग के जंगलों में महंत भगवाधारी का पेड़ से लटकता शव पहुंचा। वहीं इस पूरे मामले को  कोतवाली काकोरी  व कोतवाली ठाकुरगंज पुलिस मामले को दबाने में लगी

वहीं पत्रकारों का आरोप है कि वन विभाग के दरोगा अमित सिंह मामले को दबाने के लिए षड्यंत्रकारी रणनीति के तहत पहले पत्रकारों को बुलाकर बाइट देने के लिए बुलाया और उसके बाद में पत्रकारों को बंधक बनाकर अपने पर कर्मियों के साथ पत्रकारों के साथ मारपीट। साथ ही कैमरा छीनने की कोशिश की गई।

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