हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक सूफी सुल्तान शाह बाबा का दरगाह मुस्लिम जायरीनों की जगह हिन्दू ज्यादा आते है

फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद नगर के रेलवे स्टेशन के पास फरुखाबाद रेलवे ब्रांच लाइन के किनारे गांव किशन पुर के पास स्थित यह सूफी सुल्तान शाह बाबा का दरगाह पर मुसलमानों की बजाय हिन्दू अधिक आते है हिंदू दरगाह पर अधिक आस्था श्रद्धा भाव से पूजा करते है

फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद नगर के रेलवे स्टेशन के पास फरुखाबाद रेलवे ब्रांच लाइन के किनारे गांव किशन पुर के पास स्थित यह सूफी सुल्तान शाह बाबा का दरगाह पर मुसलमानों की बजाय हिन्दू अधिक आते है हिंदू दरगाह पर अधिक आस्था श्रद्धा भाव से पूजा करते है इस दरगाह का खादिम (पुजारी )हिन्दू रहता है पहले यहाँ दरगाह की देखरेख साफ सफाई पूजा की व्यवस्था चन्दन सिंह लोधी निवासी नागला सैदलाल के हाथों में थी अब चंदन सिंह बुजुर्ग हो गए तो अब सारी देखभाल करनसिंह यादव के हाथों में है अब खादिम ब तौर करनसिंह पूरी व्यवस्था दे रहे है

दिल्ली हाईकोर्ट के बरिष्ट अधिबक्ता ऐके बाजपेयी इस दरगाह की व्यवस्था खुद अपने हाथों में लिए है दरगाह पहले छोटी सी मजार के रूप में स्थिति थे लेकिन ऐके बाजपेयी ओर एक सरदार जी का परिवार एक यादव परिवार सहित पाँच हिन्दू परिबारो ने जी तोड़ मेहनत की रंग लाई और अन्य दरगाह छोटी मजार की जगह बाद बड़ी दरगाह का रूप धारण कर लिया है बैसे तो इस दरगाह पर बृहस्पतिवार को जायरीन आते है

एक मई से चार मई तक उर्स लगता है इस उर्स में हजारों की संख्या में भीड़ होती है जिसमे 70 प्रतिशत हिन्दू आते है दरगाह हिन्दू महिला पुरूष दरगाह मुस्लिम तो आते ही हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है सुल्तान शाह बाबा का दरगाह

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