रोजाना योगासन और प्राणायाम, बढ़ा देता है Gene की क्रियाशीलता

विश्व भर में योग की स्वीकार्यता बढ़ने के साथ वैज्ञानिक भी इसके गुणों का अध्ययन करने में जुटे हैं। भारतीय वैज्ञानिकों के एक नए शोध में पता चला है कि योग आधारित जीवनशैली का हमारे जींस की गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

कोशकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र(सीसीएमबी), हैदराबाद और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में यह बात उभरकर सामाने आई है।

शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि योग के लाभकारी गुणों का परस्पर संबंध जींस की अभिव्यक्ति को प्रभावित करने वाले गैर-आनुवंशिक (एपिजनेटिक) परिवर्तनों से है। लगातार योग के अभ्यास से पुरुषों में ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी और फर्टिलाइजर जीन्स की गतिशीलता में सुधार देखा गया है।

कितना फायेदमंद है योग : सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्र ने बताया कि इस अध्ययन में एपिजीनोमिक पद्धति के उपयोग से पहचाने गए जीन्स आगामी परीक्षणों के लिए सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। यह एक शुरुआती अध्ययन है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि योग आधारित जीवनशैली पुरुषों को बांझपन से उबरने में मददगार साबित हो सकता है।

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