चीनी मिल संघ अफसरों के भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के अधिकारियो को शासन का कोई डर नही रह गया है। अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल (sugar mill) संघ के अधिकारियो को शासन का कोई डर नही रह गया है। अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर मे फर्जी फर्म को चीनी एक्सपोर्ट का ठेका देकर संघ को करीब 35 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। खास बात तो ये है कि संघ के अधिकारियों ने टेंडर देने वाली फर्म का सत्यापन तक नही कराया। अब संघ के अधिकारी इस मसले पर कुछ बोलने की बात तो छोड़िए फ़ोन तक नहीं उठा रहे हैं।
ये भी पढ़ें-गर्मियों के मौसम जरूर करें इन चीजों का सेवन, शरीर में नहीं होगी पानी की कमी
जानकारी के मुताबिक चीनी मिल (sugar mill) संघ को बीते वर्ष फरवरी 2020 में भारत सरकार ने एक्सपोर्ट के लिए चीनी का आवंटन किया था। पांच चीनी मिलों के लिए 1.94 लाख कुंतल आवंटित चीनी के लिए ई-टेंडर के माध्यम से निविदाएं मांगी गई। एक्सपोर्ट का टेंडर वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को दिया गया। सूत्रों का कहना है कि रेट कॉन्ट्रेक्ट में सब्सिडी डर से 2440 से 2465 प्रति कुंतल की दर पर चीनी बेची गयी।
सूत्रों का कहना है कि संघ की ओर से रेट कॉन्ट्रेक्ट जारी होने पर सेमिखेड़ा चीनी मिल ने 18000 आवंटन के विरुद्ध 18000 कुंतल का उठान, नानपारा मिल ने 46000 के सापेक्ष 46000 कुंतल उठान, गजरौला मिल से 38000 के सापेक्ष 12,500 कुंतल उठान, संपूर्णानगर मिल से 46000 आवंटन के सापेक्ष 4777 कुंतल उठान औऱ बेलरायां मिल से 46000 के विरुद्ध 18000 कुंतल उठान हुई।
सूत्रो के मुताबिक संघ के आदेशों पर 1.94 लाख कुंतल सब्सिडी चीनी के सापेक्ष मिलों से एक लाख कुंतल चीनी का उठान कर दिया गया। संघ के एक्सपोर्ट के लिए जारी रेट कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार एक्सपोर्ट के लिए फर्म को जो आवश्यक प्रपत्र सी पोर्ट लाकर पार्टी को मिल में जमा करना था। वो फर्म के जमा नही कर पाने के कारण तीन चीनी मिलों चीनी उठान को रोक दिया। इसकी जानकारी होने पर चीनी मिल संघ और मिलो ने जब पता किया तो पता चला कि फर्म का चेन्नई वाला पता फर्जी निकला।
जिसके बाद फर्जी फर्म ने एक लाख कुंतल उठान वाली चीनी को भारी मार्जिन लेकर लोकल मार्केट में बेंच दिया। इसके एवज में संघ अधिकारियों को मोटा कमीशन देकर मिलों को करीब 40 करोड़ का चूना लगा दिया। मजे की बात तो ये है कि संघ के अधिकारियों ने फर्जी फर्म के खिलाफ कोई कार्यवाही तक नहीं की। उधर इस संबंध में चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक विमल कुमार दुबे से कई बार बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने फ़ोन ही नही उठाया। अपर मुख्य सचिव संजय भुसरेड्डी से भी काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नही हो पाया।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :