कोरोना से तो जीत लेंगे जंग लेकिन बयानवीरों से कैसे पाएंगे पार ?
उत्तर प्रदेश की बरहज सीट से भाजपा के विधायक सुरेश तिवारी का एक विवादास्पद बयान वाइरल हुआ है जिसमें वह अपने समर्थकों को मुसलमानों से सब्जी न खरीदने की सलाह दे रहे हैं। इस बयान के वायरल होते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है।
एक तरफ आरएसएस की तरफ से समरसता का पाठ सुझाया जा रहा है। जिससे कि सामाजिक तानाबाना यथावक्त रहे दूसरी तरफ उसी की पोलिटिकल विंग भाजपा के वरिष्ठ विधायक के इस तरह के बोल निश्चित ही खाज में कोढ़ का काम करेंगे।
हालांकि खुद को घिरता देख विधायक ने अब अपनी सफाई में कहा है कि उनकी बात का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। वह किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं। उनके मुताबिक वह नगर पालिका परिसर में किसी काम से गए थे। वहां मौजूद लोग जमातियों के बारे में आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे।
कुछ लोगों का कहना था कि जगह-जगह से सब्जियों-फलों पर थूक लगाकर बेचे जाने की खबरें आ रही हैं। इस पर उन्होंने अपनी ओर से जो कुछ कहा उसका मकसद किसी के खिलाफ नफरत फैलाना नहीं था। वह सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं और किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं।
कोरोना से बचाव के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया में रह-रहकर ऐसे वीडियो और खबरें प्रसारित हो रही हैं जिनसे समाज का सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से देश में एकता का माहौल बनाए रखने और कुछ लोगों की गलती के लिए किसी वर्ग विशेष के सभी लोगों को दोषी न मानने की अपील की है।
लोगों से समाज में नफरत न फैलाने को कहा है लेकिन बार-बार ऐसे बातें सामने आ रही हैं जिनसे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचने की आशंका है। अब देखना ये है कि कोरोना से जंग में केंद्र से लेकर राज्य सरकार लगातार काम कर मौत से ज़िंदगी की सुरक्षा में लगी है लेकिन जुबान से तीखे वॉर करने वाले इस विकट स्तिथि में भी ज़हर उगलने से बाज़ आते नज़र नही आ रहे है।
अपने बयान पर मांगी माफ़ी दिया स्पष्टीकरण :-
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