UP में कोरोना संक्रमण में आ रही है कमी, फिर भी सावधानी बरतने की आवश्यकता : सहगल
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने शुक्रवार को लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना में कमी आ रही है फिर भी सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत (Navneet Sehgal) ने शुक्रवार को लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना में कमी आ रही है फिर भी सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रदेश के कन्टेनमेंट जोन में भी कमी आयी है, इसकी संख्या घटकर 6,415 हो गयी है। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। बचाव ही सबसे बेहतर इलाज है। खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चे सार्वजनिक स्थानों व कार्यक्रमों में जाने से परहेज करें। अब तक 2.15 करोड़ से अधिक टेस्ट किये जा चुके हैं। घर-घर सर्वे का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सर्विलांस के माध्यम से लगभग 15 करोड़ लोगों तक पहुंचकर उनका हालचाल लेते हुए कोरोना संक्रमण की जानकारी भी ली गयी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की जांच की गयी है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों से सम्पर्क किया गया है।
महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाला पहला राज्य- Navneet Sehgal
नवनीत सहगल (Navneet Sehgal) ने बताया कि बीसी सखी योजना, राज्य की महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गयी है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा रोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी तैनात करने का फैसला किया, इसके लिए रिवाल्विंग फण्ड की भी की गयी है। इस योजना के पहले चरण में 58 हजार महिला अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिनको प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य जहां महिलाओं को रोजगार देने संबंधी इस प्रकार की योजना शुरू की गयी है। देश के अन्य किसी राज्य में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है। आज मुख्यमंत्री जी द्वारा 97,663 स्वयं सहायता समूह एवं उनके संगठनों को ऑनलाइन 445.92 करोड़ रूपये की धनराशि हस्तान्तरित की जायेगी।
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Navneet Sehgal ने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को और अधिक तेजी लाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में 8.18 लाख से अधिक इकाइयां काम कर रही है। इनमें भी रोजगार के अवसर सृजित करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मिशन रोजगार के अन्तर्गत बड़ी संख्या में रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न उद्योगों और विभिन्न विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भी रोजगार सृजित करने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में पुरानी इकाइयों को कार्यशील, पूंजी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बैंकों से समन्वय करके आत्मनिर्भर पैकेज में 4.37 लाख इकाईयों को रू0 11,100 करोड़ के ऋण बैंकों से समन्वय स्थापित कर स्वीेकृत करते हुए वितरित किये गये हैं। प्रदेश में रोजगार के और अवसर सृजित करने के लिए तथा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार में लगाने के लिए नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत 6.66 लाख नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 20,173 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है। इसी एम0एस0एम0ई0 इकाइयों से 27 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए है।
किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है प्रदेश सरकार- Navneet Sehgal
सहगल (Navneet Sehgal) ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए कृतसंकल्प है। मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान, मूंगफली व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। किसानों का हित सर्वोपरि है। सरकार किसानों के साथ है, किसानों को हर सम्भव सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो/कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रों पर जिलाधिकारी द्वारा निरन्तर सत्यापन अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण करे। किसानों से निरन्तर धान की खरीद की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि अब तक किसानों से 385.60 लाख कु0 धान की खरीद की जा चुकी है। जो पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना अधिक है। प्रदेश में अब तक किसानों से 5,65,520 कु0 मक्का की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मूंगफली की खरीद भी मूल्य समर्थन योजना के तहत की जा रही है। इस प्रकार सरकार द्वारा अब तक किसानों को 07 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किसानों को किया गया है। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को अब तक 01 लाख 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 24 हजार करोड़ रूपये तथा अब तक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की फसल किसानों से खरीदी जा चुकी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की अगली किश्त आगामी 25 दिसम्बर को मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा किसानों के खाते में सीधे भेजी जायेगी। उन्होंने बताया अब तक किसानों के खातों में ढाई लाख करोड़ रूपये की धनराशि हस्तान्तरित की जा चुकी है।
एक दिन में कुल 1,49,871 सैम्पल की हुई जांच
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,49,871 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 2,21,49,067 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 1440 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 17,955 कोरोना के एक्टिव मामले में से 7,756 लोग होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 1796 लोग ईलाज करा रहे हैं, इसके अतिरिक्त मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में अपना ईलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विगत 24 घंटे में 1584 तथा अब तक कुल 5,46,087 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 का रिकवरी प्रतिशत 95.44 है। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,75,204 क्षेत्रों में 4,89,379 टीम दिवस के माध्यम से 3,05,31,040 घरों के 14,87,81,846 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय उपचार के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया है। ई-संजीवनी के माध्यम से कल एक दिन में 4709 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया।
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अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो वह प्रत्येक जिला अस्पताल में स्थापित पोस्ट कोविड केयर डेस्क से सम्पर्क करे। कोविड वैक्सीन के भण्डारण के साथ-साथ वैक्सीन लक्षित समूहों को लगाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही वैक्सीन के लिए तकनीकी लोगों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक पहले से बीमार बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाना होगा। उन्होंने लोगों से अपील कि है कि शीतकाल के समय विशेष सावधानी बरते और सभी लोग मास्क पहनें, हाथ साबुन-पानी से धोते रहें तथा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लोगों से दो गज की दूरी बनाये रखें।
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