बड़ी खबर: कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद 29 लोगों की मौत, जांच में हुई पुष्टि

कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए पूरी दुनिया जूझ रही है। इस खतरनाक वायरस के 100 प्रतिशत कारगर टीके की खोज में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं।

कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए पूरी दुनिया जूझ रही है। इस खतरनाक वायरस के 100 प्रतिशत कारगर टीके की खोज में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं। हालांकि, कई देशों ने इसकी वैक्सीन (Vaccine) तैयार कर टीकाकरण पर काम करना शुरू भी कर दिया है। भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच नार्वे में वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।

वैक्सीन लगने के बाद अब तक 29 लोगों की मौत

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नार्वे में नए साल के चार दिन पहले फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन के टीकाकरण का काम शुरू किया गया। नार्वे में वैक्सीन (Vaccine) लगने के बाद अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 75 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

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बता दें कि पिछले साल 27 दिसंबर को कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से नॉर्वे में 25,000 से अधिक लोगों को टीका लगाया गया है। देश में जिन लोगों की मौत हुई है, उन्हें वैक्सीन (Vaccine) की पहली ही डोज लगाई गई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई।

वहीं, सरकार के मुताबिक, जो लोग बीमार हैं और बुजुर्ग हैं, उनके लिए वैक्सीन का टीका काफी रिस्क भरा हो सकता है। मरने वाले 29 लोगों में से 13 लोगों की वैक्सीन लगने से ही मरने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अन्य लोगों की मौत के मामले में जांच की जा रही है।

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80 से ऊपर उम्र के लोगों की हुई मौत

नॉर्वेयिन मेडिसिन एजेंसी के मुताबिक, जिन लोगों की मौत की जांच की गई है, उनमें से कमजोर, बुजुर्ग लोग थे, जो नर्सिंग होम में रहते थे। मरने वाले लोगों में सभी की उम्र 80 साल के ऊपर थी। वहीं, शनिवार को मरने वाले छह लोगों की उम्र 75 साल के करीब है। ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा, जिससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गए। इसके चलते उनकी मौत हो गई। इसके बाद से यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में किन समूहों को टीका लगाना है।

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बुजुर्गों को टीके का लाभ मिलने की संभावना

नॉर्वेयिन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार, जो काफी बुजुर्ग हैं और लगता है कि उनकी जिंदगी का कुछ ही वक्त बचा है, तो ऐसे लोगों को वैक्सीन (Vaccine) का लाभ शायद ही मिले या फिर अगर मिले भी तो काफी कम मिलने की संभावना है।

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