कोरोना का कहर : ईरान में फंसे 340 भारतीय मछुआरे, केंद्र सरकार से की वापस लाने की अपील

कोरोनावायरस के खौफ के चलते ईरान में हवाई सेवाएं बंद होने से 340 भारतीय मछुआरे वहां फंस गए हैं। अब गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार से मछुआरों को वापस लाने की अपील की है। गुजरात और तमिलनाडु राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से ईरान के बंदरगाह पर फंसे मछुआरों को स्वदेश लाने का अनुरोध किया है।

गौरतलब है कि ईरानी अधिकारियों ने कोरोना वायरस के खतरे के चलते बंदरगाह के आसपास स्थित हवाई अड्डे बंद कर दिए हैं और लोगों को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। गुजरात के मंत्री रमन पाटकर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को गुरुवार को ईमेल लिखकर उनसे मछुआरों को वापस लाने का आग्रह किया।

पाटकर ने पत्र में कहा कि मछुआरे ईरान के होरमोजगन प्रांत में स्थित बांदर-ए-चिरु में फंसे हैं और ईरानी अधिकारियों द्वारा हवाई अड्डे सील किए जाने और लोगों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण स्वदेश वापस आने में अक्षम हैं। पाटकर ने पत्र में लिखा, “कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के भय के कारण लगभग 340 मछुआरे ईरान के बांदर-ए-चिरु में फंसे हैं जिनमें अधिकतर गुजरात के हैं। उन्हें देश से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने वापस लौटने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाने का अनुरोध किया है। मेरी विनती है कि इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

पाटकर ने कहा कि फंसे हुए मछुआरों में से बहुत से उनके चुनावी क्षेत्र उमरगाम और वलसाड जिले के आसपास के क्षेत्रों के हैं। भाजपा नेता पाटकर ने कहा 340 मछुआरों में से अधिकतर गुजरात के हैं तथा कुछ तमिलनाडु आदि राज्यों के निवासी हैं। तमिलनाडु सरकार ने भी केंद्र से कहा कि कोरोना वायरस के खतरे के चलते करीब भारतीय मछुआरे ईरान में फंसे हैं और उन्हें वहां से तुरंत निकालने का इंतजाम किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखकर कहा कि फंसे हुए मछुआरों में से 300 तमिलनाडु के निवासी हैं।

उन्होंने कहा कि मछुआरे ईरान के बंदरगाहों पर जहाजों में मछली पकड़ने का काम करते हैं। पलानीस्वामी ने पत्र में लिखा, “ईरान में कोरोना वायरस के खतरे के चलते उड़ानों पर रोक लगा दी गई है जिसके कारण कीश बंदरगाह, चिरु और अन्य स्थानों पर मछुआरों के फंसे होने की खबर मिली है।” पलानीस्वामी ने उन मछुआरों को तत्काल ईरान से बाहर निकालने का अनुरोध किया।

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