कब्ज और गैस में बेजोड़ है गिलोय की चटनी, यहाँ जानिए इसके कुछ अन्य फायदे

गिलोय बुखार के लिए रामबाण है. यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है. इसलिए इसके आयुर्वेदिक गुण के लिए इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए किया जाता है. बरसात के मौसम में होने वाली वायरल बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में गिलोय का सेवन किया जाता है. मच्छर से होने वाली बीमारियों में यह काफी फायदेमंद है.

गिलोय पाचन में सुधार करने में सहायक होता है. ये कब्ज़, सूजन, अम्लता और गैस को कम करता है. गिलोय कमज़ोर पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए अमृत सामान है. अगर आपको नियमित रूप से गैस की परेशानी रहती है या आप डायबिटीज के मरीज़ हैं तो आपको गिलोय का सेवन ज़रूरत करना चाहिए. आप गिलोय को खट्टी-मिठी चटनी के रूप में भी खा सकते हैं. इसे बनाने में ज़्यादा मेहनत नहीं लगती है. इसके लिए आप

-3 से 5 टमाटर और गिलोय की 2 पत्तियां लेकर एक साथ पीस लें
-कढ़ाई में हल्का तेल डालें और गर्म होने दें
-गर्म तेल में कढ़ी पत्ता, दालचीनी और राई के कुछ दानें डाल लें
-फिर टमाटर और गिलोय का पिसा हुआ पेस्ट डालें
-हल्का सा लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गुड़ और नमक डालें
– आखिर में पानी डालकर उबलने दें
-गाढ़ा हो जाने पर गैस बंद कर दें और हो गई तैयार आपकी गिलोय की चटनी

गिलोय विषाक्त पदार्थों को हटाकर रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है. इसके अलावा ये अन्य रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से भी लड़ता है. यह कमज़ोर लिवर वाले लोगों के लिए भी विशेष रूप से सहायक है और पैंक्रियाज़ से जुड़े रोगों का भी मुकाबला कर सकता है. वहीं ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए गिलोय बहुत ही फायदेमंद है. दरअसल ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है जिसमें गिलोय बेहत ज्कार्गर साबित होती है. आप गिलोय को दोपहर या रात के खाने में दही में मिलाकर भी खा सकते हैं.

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