विकास दुबे मामले की मानवाधिकार आयोग में शिकायत, इन 6 बिंदुओं पर जांच करने की मांग
नई दिल्ली. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्री शीटर विकास दुबे आज सुबह तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। जिसके बाद गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल उठे। मानवाधिकार आयोग से एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने विकास दुबे मामले की शिकायत की और पुलिस द्वारा की गयी तमाम गैरकानूनी कार्यों के जाँच की मांग की है।
एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से विकास दूबे मामले में पुलिस द्वारा की गयी तमाम गैरकानूनी कार्यों की जाँच की मांग की है। अपनी शिकायत में नूतन ने कहा है कि विकास दूबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद ततं गैरकानूनी कार्य किये हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि आरोप हैं कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दूबे को गाँव में मारा गया जबकि वे कथित रूप से घटना में शरीक नहीं होने के कारण गाँव में मौजूद थे। इसी प्रकार उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे एवं अब स्वयं विकास को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है पुलिस की कहानी में कई जाहिरा खामियां हैं। ऐसे ही जैसे विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया अथवा उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव किया गया, वह अवैधानिक व अनुचित था।
नूतन ने इन आरोपों की जाँच की मांग की है।
1. दिनांक 03/07/2020- 02 व्यक्ति प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दूबे को गाँव में ही पुलिस द्वारा मारा गया और यह दावा किया गया कि उनका एनकाउंटर हुआ है। इसके विपरीत मुझे विश्वस्त सूत्रों से दी गयी जानकारी के अनुसार चूँकि ये दोनों व्यक्ति पुलिसकर्मियों की हत्या में बिलकुल नहीं शामिल थे, अतः वे निश्चिन्त थे तथा गाँव में ही आराम से मौजूद थे। मुझे दी गयी जानकारी के अनुसार पुलिस इन दोनों व्यक्तियों को पूछताछ के नाम पर मौके से ले गयी और कुछ समय बाद उनका एनकाउंटर दिखा दिया गया।
2. दिनांक 04/07/202- हथियार तथा गोला बारूद बरामद किये जाने के नाम पर विकास दूबे के पैत्रिक आवास को दिनदहाड़े बुलडोज़र से पूरी तरह ढहाते हुए नेस्तनाबूद कर दिया गया।
3. दिनांक 08/07/2020- विकास दूबे के आपराधिक सहयोगी अमर दूबे को हमीरपुर में मारा गया, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर बताया।
4. दिनांक 09/07/2020- फरीदाबाद में गिरफ्तार हुए विकास के दो आपराधिक सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे को इटावा में पुलिस कस्टडी से भागता हुआ बता कर मार डाला गया।
5. दिनांक 09/07/2020- विकास दूबे की पत्नी तथा बच्चे को गिरफ्तार किया गया तथा पुलिस द्वारा उनके साथ अमानवीय तथा अनुचित आचरण/व्यवहार किया गया।
6. दिनांक 09/07/2020 को उज्जैन में सरेंडर किये विकास दूबे को प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे की ही तरह कानपुर में पुलिस कस्टडी में मार दिया गया।
इन स्थितियों में यह नितांत आवश्यक है कि इस पत्र में वर्णित समस्त तथ्यों की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा अविलंब जाँच करायी जाये तथा जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर यथोचित कार्यवाही की जाये। कृपया इस प्रकरण को सत्ता एवं अधिकारों के दुरुपयोग तथा अपने निजी स्वार्थ/लाभ एवं उच्चस्तरीय दवाब में किये गए अत्यंत गंभीर गैरकानूनी कार्य के रूप में देखा जाये।
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