मथुरा : कृष्ण की नगरी में सपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन, प्रशासन के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

कहा केंद्र की सरकार के द्वारा लगातार किसानों की अनदेखी व अत्याचार किए जा रहे, हालात बद से बदतर की ओर

जिस तरीके के हालात आज देश और प्रदेश में पनप रहे जो अत्याचार किसान नौजवान पर हो रहा है वह घोर निंदनीय है। जिस तरीके से कल उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे। किसानों के ऊपर भाजपा सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी चढ़ा कर नरसंहार किया गया है।

किसानों की अनदेखी

वह घोर निंदनीय है क्योंकि किसान अपना शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे थे। देश में लगातार तीनों कृषि काले कानूनों को लेकर किसान दिल्ली के चारों ओर धरने पर बैठे हैं। लेकिन केंद्र की सरकार के द्वारा लगातार किसानों की अनदेखी जुल्म अत्याचार किए जा रहे हैं। अब तक सैकड़ों की तादात में किसान अपनी जान दे चुके है।

लेकिन केंद्र की गूंगी बहरी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। जिससे देश के किसान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। जबकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की तरक्की का रास्ता खेत खलियान से निकलता है। लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है किसानों पर जुल्म और अत्याचार बढ़ते जा रहे है। आज किसान अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है लेकिन सरकार अपना दायित्व पूरा नहीं कर रही है।

निहत्थे हिंदुस्तानियों पर वार

जिस तरीके का कृत्य कल लखीमपुर खीरी में हुआ है वह कृत जलिया वाले बाग की याद दिलाता है। जिस तरीके से जनरल डायर ने निहत्थे हिंदुस्तानियों पर वार किया था। उसी तरीके से मंत्री के पुत्र द्वारा किसानों का नरसंहार किया गया है। इस कृत्य से लोकतंत्र भी नहीं भारत की संप्रभुता और अखंडता पर भी सवाल उठता है। सरकारें देश किसान नौजवान के लिए भले के लिए चुनी जाती हैं। लेकिन यह सरकार है केंद्र की सरकार हो चाहे उत्तर प्रदेश की सरकार हो यह नौजवान किसानों की हिम्मत को कुचलने का काम कर रही है। हालात लगातार तनावपूर्ण होते चले जा रहे हैं सरकार और प्रशासन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।

संविधान में मौलिक अधिकार

लोगों को अपनी बात रखने पर भी कठिनाइयां पैदा होने लगी है। जिस तरीके के हालात हैं कोई अपनी बात नहीं रख सकता पुलिस के दम पर उसकी बात को दबाने का काम किया जाता है। जबकि लोकतंत्र की खूबसूरती में धरना प्रदर्शन ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात रखने का संविधान में मौलिक अधिकार है।

लेकिन यह सरकार आम जनमानस के मौलिक का हनन करने एवं संविधान में दिए हुए अधिकारों की हत्या करने पर तुली है। जिस तरीके से कल लखीमपुर खीरी में किसानों की बर्बरता की पूर्व की हत्या की गई उन किसानों के परिवारों से हिम्मत बढ़ाने हेतु समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी परिवारों से मिलने जा रहे थे।

लोकतंत्र की हत्या

लेकिन इस लोकतंत्र की हत्यारी सरकार ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को घर पर ही रोकने का काम किया। पुलिस के बल पर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी महमूद राष्ट्रपति जी से यह मांग करती है कि मृतक किसानों को 2 करोड़ रुपए मुआवजा तथा परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी घायलों का समुचित इलाज एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा एवं उनके पुत्र मोनू मिश्रा को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।

कठोरतम कार्यवाही की जाए

साथ ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त किया जाए। दोषियों पर कठोरतम कार्यवाही की जाए तथा तत्काल प्रभाव से केंद्र की सरकार को आदेशित करने की कृपा करें कि तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए। अन्यथा देश के हालात बद से बदतर होने जा रहे है। अगर देश में कोई आपातकाल जैसी स्थिति आती है या किसान उग्र आंदोलन के लिए बाद होता है तो उसकी जिम्मेदार प्रदेश की और केंद्र की सरकार होगी।

दिग्गज मौजूद रहे

महानगर अध्यक्ष अबरार हुसैन महानगर महासचिव रवि यादव सुभाष पाल तनवीर अहमद बृजेश सिंह तुलसीराम शर्मा प्रदीप चौधरी प्रहलाद यादव चौधरी शहीद अशोक जाटव श्याम मुरारी चौहान अरुण दिक्षित और गौतम जागेश्वर यादव अनिल अग्रवाल भगवती चतुर्वेदी जितेन सिंह गौरव किशनपुरिया अजय सिंह बर्गर देवकीनंदन कश्यप जगदीश निषाद विजय पाल सिंह कमल किशोर शर्मा मुनेश प्रधान चांद भाई सिराज खान गुड्डू खान डॉक्टर मदन लाल उमेश कर्दम अभिषेक यादव मुरारी लाल कटारा रघुराज यादव शेरा यादव रवि कुमार जाटव अनिल हरि ओम शिवम प्रमोद यादव भूरी सिंह यादव राहुल यादव मनीष आजाद राजकुमार शर्मा ओमपाल सैनी मुरारी यादव संजय यादव सोनू शर्मा रितु गोयल मनोज गोयल जितेन सिंह कर्दम मोनू गुप्ता इमाम हुसैन राजू बौद साधना शर्मा ओमवीर चौधरी दाऊ दयाल शर्मा यशपाल सिंह मुस्कान चौधरी माला अलका अग्रवाल ओमवती सीमा किरण सचिन पहलवान खुशबू चिकारा कुलदीप गौतम महेश बाबू बघेल इमरान अब्बास नदीम मोनू ठाकुर हिमांशु शर्मा संदीप दिवाकर शाहिद अल्वी डॉक्टर शबनम कुरेशी क्षेत्रपाल लोधी दीपक धनगर आदि लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्टर : योगेश भरद्वाज

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