गुजरी हुई  बात  – चीन के बारे में सरकार को बहुत पहले सतर्क किया था नेताजी मुलायम सिंह यादव ने , धोखेबाज है चीन , दे सकता है धोखा …..

गुजरी हुई  बात  – चीन के बारे में सरकार को बहुत पहले सतर्क किया था नेताजी मुलायम सिंह यादव ने , धोखेबाज है चीन , दे सकता है धोखा …..

 

देश में जहां कोरोना संकट चल रहा है , इसी बीच भारत और चीन के बीच तनातनी के बीच बुरी खबर ये है कि लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हुए हैं। इसकी पुष्टि रक्षा मंत्रालय ने भी कर दी है। लद्दाख में चीनी घुसपैठ की चर्चा जोरों पर है। ताजा नुकसान के बाद ये मामला और गर्मा गया है। बताया जाता है कि सोमवार रात दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें भारत की तरफ से तीन लोग शहीद हुए हैँ। सैन्य स्तर की बातचीत के बाद भारत की तरफ से दावा किया जा रहा था कि सबकुछ तेजी से सामान्य हो रहे हैं। साथ ही चीनी सेना पीछे हट रही है।

भारत के तीन जवानों की शहादत के बाद लगता है कि चीन हिंसा पर उतारू है। एक तरफ तो वो सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत का ढोंग करता रहा। दूसरी तरफ भारतीय जवानों पर हमले से भी बाज नहीं आ रहा। भारतीय सेना ने इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया है। जिसके मुताबिक, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं’।

ऐसे स्थिति अब देश की जनता , समूचा विपक्ष भी ये मांग कर रहा है की केंद्र सरकार को भारत का स्टैंड साफ़ करना चाहिए , क्योंकि हम सदभावना के माहौल में बातचीत करते रहे और चीन बातचीत की आड़ में हमें धोखा देता रहा है। आज के घटना पर याद करें तो संसद में पूर्व रक्षामंत्री समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने एनडीए के मोदी सरकार के पिछले दौर में एक लम्बा भाषण दिया था। देश की संसद में भारत के पूर्व रक्षामंत्री मुलायम यादव ने संसद सदस्य की हैसियत से जुलाई 2017 में ये सवाल उठाया था कि  चीन हमले की तैयारी कर रहा है क्या हम तैयार हैं ?

मुलायम सिंह यादव उस वक़्त भाषण में कहा  था  कि चीन भारत पर हमले की तैयारी कर चुका है. हमारे विरोध के बाद भी तिब्बत चीन के हाथों सौंप दिया गया. अगर चीन अब हमला करेगा तो तिब्बत के रास्ते ही करेगा. उस दिन काफी दिनों बाद पुराने अंदाज में दिखे थे मुलायम ने कहा था कि हमें तिब्बत की आजादी का मुद्दा उठाना चाहिए. चीन और पाकिस्तान हमें कश्मीर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहा है.  इसके साथ ही पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि भूटान की रक्षा करना हमारी जिम्मदारी है. सरकार को बताना चाहिए कि हमारी क्या तैयारी है. नेता जी मुलायम ने  कहा था कि हमें तिब्बत की आजादी का मुद्दा उठाना चाहिए. चीन और पाकिस्तान हमें कश्मीर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहा है.   उस समय मुलायम यादव ने कहा था आज भारत का सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान नहीं चीन है. उन्होंने इसके साथ ही चीन ने सतर्क रहने की सलाह भी दी थी   मुलायम ने कहा था चीन भारत पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका है. उन्होंने पूर्व सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि तिब्बत को सौंपना बड़ी भूल थी. उसी तिब्बत की सीमा पर चीन युद्धाभ्यास कर रहा है. इसके साथ ही भारतीय बाजार में के घटिया माल की बढ़ती आवक का भी जिक्र किया था .

याद करें तो उस वक़्त भी  डोकलाम के मुद्दे पर  चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर था ..

नेताजी मुलायम यादव के उसी भाषण का जिक्र आज समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस भाषण को अपने ट्वीट पर शेयर करके कहा “चीन की तरफ़ से ख़तरे और चुनौती को लेकर नेताजी ने समय-समय पर सरकारों को चेताया है लेकिन सरकार चीन की चेतावनी को लेकर उदासीन है… सरकार इसका जवाब कब देगी?

 

देश के रक्षा मंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव का कार्यकाल सेना और सैनिको के लिए उत्कृष्ट निर्णयों के लिए जाना जाता है , जब नेताजी मुलायम यादव रक्षा मंत्री हुए तब उन्होंने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सेना को पूरी खुली छूट दिए जाने का निर्णय किया , जब देश की सीमा पर पडोसी देश हिमाकत करे तो उस समय बटालियन या टुकड़ी का जो कमांडिंग अफसर हो उसे जवाब देने की पूरी छूट मिली , दुश्मन को उसी के अंदाज़ में जवाब देना मुलायम यादव की ही देन थी, नहीं तो पहले इसकी सूचना अपने ऊपर के कमान में देकर परमिशन लेनी पड़ती थी ।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में रक्षा मंत्री के कार्यकाल में मुलायम यादव द्वारा सीमा पर शहीदों के पार्थिव शरीर को ससम्मान उनके परिजनों तक घर पहुंचाने का भी निर्णय लिया गया।

आज की घटना के बाद से भारत में नागरिकों में गुस्सा है। लोग मानने लगे हैं कि चीन भरोसे के काबिल नहीं है। मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर पर चीन खुराफात कर रहा है। भारतीय सैनिकों को नुकसान के बाद लोग सवाल करने लगे हैं कि क्या चीन के साथ युद्ध की स्थिति पैदा हो गई है। चीनी सैनिकों की हिमाकत ये कि वो भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था। यहां तक कि पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास तक पहुंच गए थे। सैनिकों के जमावड़े के साथ ही चीन हथियार भी इलाके में जुटाने लगा था। 6 जून के बाद से सैन्य स्तर की बातचीत शुरू हुई। जिसके बाद चीनी सैनिक कुछ किलोमीटर पीछे हटे। लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बातचीत के बाद मसला हल होता नजर आ रहा था। जबकि ताजा घटना के बाद एक बार फिर गतिरोध की स्थिति है.

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