हारने के बाद ढीले पड़े ट्रंप के तेवर, चीन ने दिखाना शुरू किया अपना रंग, कैसे निपटेंगे बाइडन ?

बीती 3 नवंबर को 'जो बाइडन' ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों में जीत हासिल कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पटखनी दी

बीती 3 नवंबर को ‘जो बाइडन’ ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों में जीत हासिल कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पटखनी दी. जिसके बाद ट्रंप अपनी हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. इसके लिए उन्होंने कई राज्यों में अदालत का भी सहारा लिया. लेकिन अब धीरे-धीरे उनके तेवर ढीले पड़ने लगे है. एक तरफ जहां ट्रंप के तेवर ढीले पड़ रहे हैं, वहीं चीन ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. मिली सूचना के अनुसार, चीन का भारत के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर जारी तनाव के चलते सैन्य कूटनीतिक स्तर पर होने वाली बातचीत में चीन कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.

चल रही कमांडर स्तर की वार्ता

एक तरफ जहां चीन भारतीय भू-भाग से अपने सैनिकों को पीछे ले जाने पर राजी नहीं हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ शीर्ष सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत मामले में भी ढुलमुल रवैया अपनाने लगा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक, सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी है कि चीन LAC और अंतरराष्ट्रीय सहमतियों, समझौतों का सम्मान करे। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता चल रही है।

चीन बना अड़ियल

हालांकि मिली सूचना के अनुसार, दोनों देशों के बीच जारी वार्ता में चीन लगातार अड़ियल रुख अपनाए हुए है. वह पूर्णतः सहयोगी नहीं साबित हो रहा है. हालांकि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति से निबटने के लिए हर समय तैयार बैठी हैं. लद्दाख से लेकर अरुणांचल प्रदेश तक सेनाएं हर चुनौती का सामना करने के लिए पूर्णतः तैयार हैं. इतना ही नहीं भारतीय सेनाएं पश्चिमी सीमा पर भी कड़ी निगरानी कर रही हैं.

जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना ने समुद्री क्षेत्र में न केवल अपनी गश्त बढ़ा दी है, बल्कि हर स्तर पर सतर्कता बरत रही है. हालांकि लद्दाख क्षेत्र में तापमान गिरना तेजी से शुरू हो गया है, लेकिन भारतीय सैनिकों के हौसले काफी बुलंद हैं.

ट्रंप थे आक्रामक

राजनीति में विदेश मामलों की अच्छी समझ रखने वालों की मानें तो, चीन को ‘बाइडन’ से किसी बड़े खतरे का अंदेशा नहीं हो रहा है। जबकि इससे उलट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उनके विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एशिया क्षेत्र में अपना दखल काफी बढ़ाना शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं अमेरिका दक्षिण चीन सागर को लेकर भी काफी आक्रामक था। सिर्फ यही नहीं भारतीय सीमा के पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ को लेकर भी राष्ट्रपति ट्रंप का रवैया चीन के प्रति काफी आक्रामक था।

कैसे बढ़ेंगे ‘बाइडन’

जानकारों की मानें तो अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हारने और उनका तेवर ढीला पड़ने के बाद से चीन इसे अपने लिए अच्छा संकेत मान रहा है। शी जिनपिंग को लग रहा है कि, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ‘बाइडन’ राजनैतिक मामलों में अमेरिका के अनुभवी नेता हैं। इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय मामलों में संतुलित तरीके से अमेरिका का हित देखकर आगे बढ़ेंगे।

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