लखनऊ : यूपी के सरकारी स्कूलों में प्रवासी मजदूरों के बच्चों का होगा निःशुल्क दाखिला – सतीश द्विवेदी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार वाले प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री डा. सतीश द्विवेदी का कहना है कि राज्य में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों के बच्चों को यहां के सरकारी विद्यालयों में प्रवेश देकर उन्हें निःशुल्क अच्छी शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने शनिवार को यहां बताया कि इसके लिए विद्यालय खुलते ही सर्वे का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। मंत्री ने यह भी बताया कि लाॅकडाउन में बंद सरकारी स्कूलों के मिड डे मील का राशन बच्चों के घर पहुंचाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है। कोरोना काल में इस समय लाखों की संख्या में प्रवासी कामगार और श्रमिक उप्र में अपने घर वापस लौट रहे हैं। ऐसे में सरकार उनके बच्चों के दाखिले को लेकर अभी से तैयारी में लग गई है। स्कूलों के खुलते ही प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का सर्वे कराकर सभी को प्रवेश दिलाया जाएगा। इन बच्चों को वे सभी सुविधाएं दी जाएंगी, जो प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को मिलती हैं।
लॉकडाउन की अवधि का मिड-डे- मील पहुंचेगा घर पर
प्राथमिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि लाॅकडाउन में विद्यालयों को चलाना मुश्किल था, क्योंकि भारी संख्या में बच्चों और शिक्षकों के स्कूल आने से शारीरिक दूरी के प्रोटोकाल का पालन न हो पाता। इसके चलते यदि किसी को भी कोरोना का संक्रमण होता तो पूरा गांव खतरे में पड़ सकता था। ऐसी स्थिति में लाॅकडाउन में मिड डे मील नहीं चलाया गया। उन्होंने बताया कि इस लाॅकडाउन अवधि का राशन करीब 1.80 करोड़ बच्चों के घर अब पहुंचाया जाएगा।
76 दिनों के मिड डे मील का राशन व कन्वर्जन कॉस्ट मिलेगी
लॉकडाउन अवधि व गर्मी की छुट्टियों के 76 दिनों के मिड डे मील का राशन व कन्वर्जन कॉस्ट बच्चों को दी जाएगी। कन्वर्जेंस कॉस्ट अभिभावकों के खाते तो राशन कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा। प्राइमरी स्कूल के एक बच्चे को 76 दिन के लिए 374.29 रुपये और जूनियर में प्रति विद्यार्थी 561.02 रुपये कन्वर्जेंस कॉस्ट दी जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चन्द द्विवेदी ने यह जानकारी दी है। सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
गेहूं, चावल कोटेदार के माध्यम से, दाल, सब्जी,तेल, मसाले का पैसा खाते में
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। प्राइमरी के बच्चे को 7.60 किग्रा और जूनियर में प्रति बच्चा 11.40 किग्रा राशन दिया जाएगा। ये राशन कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानाचार्य प्राधिकार पत्र (वाउचर) जारी करेंगे, जिसमें स्कूल, छात्र-छात्रा का नाम, पंजीयन संख्या, कक्षा व खाद्यान्न की मात्रा अंकित होगी। इसे एक समय में दो-तीन अभिभावकों को स्कूल बुलाकर दिया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग का इसमें ख्याल रखा जाएगा। वहीं खातों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रधानाचार्य व शिक्षकों को लगाया जाएगा।
मिड डे मील में खाद्यान्न में गेहूं व चावल मिलता है। वहीं कन्वर्जेंस कॉस्ट दाल, सब्जी, मसाला, तेल, खाना पकाने के ईंधन आदि में खर्च होती है। मेन्यू में चार दिन चावल और दो दिन गेहूं से बने व्यंजन दिए जाते हैं।
कक्षा अनाज कन्वर्जेंस कॉस्ट
कक्षा 1 से 5 तक 100 ग्राम प्रतिदिन 4.97 रुपये प्रतिदिन
कक्षा 6-8 तक 150 ग्राम प्रतिदिन 7.45 रुपये प्रतिदिन
(बीते शैक्षिक सत्र में कन्वर्जन कॉस्ट प्राइमरी के लिए 4.48 व जूनियर में 6.71 रुपये थी। लिहाजा 24 से 31 मार्च तक की गणना इसके आधार पर होगी।)
कुल नामांकित बच्चे
प्राथमिक जूनियर कुल बच्चे
1,23,14,652 57,05,194 1,80,19,846
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :