बाप के आँखों की गई रौशनी तो बच्चों ने किया यह घिनोना काम

जिस बाप ने बचपन में अपने बच्चों को अपने कन्धों पर खिलाया। जिसने अपने बच्चों के बड़े होने पर अपना न सोचकर पहले अपने

जिस बाप ने बचपन में अपने बच्चों को अपने कन्धों पर खिलाया। जिसने अपने बच्चों के बड़े होने पर अपना न सोचकर पहले अपने बच्चों के लिए सोचा आज उन्ही बच्चों ने जब एक बाप को उनकी सबसे ज्यादा जरुरत थी उस बाप को घर से धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया।

मामला अलवर ज़िले के भिवाडी का है जहां बाप कि जब आँखों की रौशनी चली गयी तो बच्चों ने उस बाप को घर से धक्के मारकर उसे बाहर निकाल दिया। बाप भी यहां दो साल पहले तक एक लाख रुपये महीने से अधिक कमाता था लेकिन आँखों की रौशनी चले जाने के बाद उसने काम सब बंद कर दिया। आँखों की रौशनी जाने के बाद बच्चों ने अपने बूढ़े बाप को घर से बाहर फेंक दिया। बाप को भी मज़बूरी में वृद्ध आश्रम में जाकर रहना पड़ा।

आपको जानकर हैरानी होगी कि उस बाप ने अपनी मेहनत से 5 साल में बेटो के लिए भिवाडी में आरओ का प्लांट खड़ा कर दिया था, जिससे हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये तक कि आमदनी होती थी। लेकिन जैसे ही पिता की आँखों की रौशनी गई बच्चों ने उसे घर से निकाल बाहर फेंका।

ख़बरों के मुताबिक, भिवाड़ी के सेक्टर 4 में रहने वाले पीड़ित 65 वर्षीय बुजुर्ग ईश्वर प्रसाद गुप्ता अलवर शहर के काला कुंआ के रहने वाले है। उन्होंने 2014 में बड़े बेटे जो भिवाडी में 5 हजार में नौकरी करता था। उसे संबंल देने के लिए साथ मिलकर ढाई लाख रुपये लगा कर आरओ रिपेयरिंग और एसेम्बल कर बेचने का व्यवसाय शुरू किया और चंद सालों में ही भिवाडी में अपनी पहचान बना ली थी।

लेकिन 2018 में अचानक बीमारी की वजह से ईश्वर प्रसाद गुप्ता की आंखों की रोशनी चली गई और ईश्वर प्रसाद के जीवन मे अंधेरा छा गया। उसके बेटो ने उसका व्यवसाय पर कब्जा कर उसको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और आखिरकार उन्हें घर से निकाल दिया।

यह बताया जा रहा है कि पीड़ित व्यवसायी ने एसपी राममूर्ति जोशी से न्याय की गुहार लगाई , तो एसपी ने पीडित का दर्द समझा। उन्होंने डेढ़ साल पहले दर्ज हुए मामले में आरोपी बेटों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब बुजुर्ग के बयानों के आधार पर ओर बुजुर्ग की मांग पर कोर्ट में सम्पति से बेटों को बेदखल करने की कार्यवाही करने पर एक्सपर्ट से राय ले रही है।

यूआईटी थानाधिकारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बुजुर्ग के तीन बेटे है, जिनमें से एक बेटा योगेश गुप्ता गंभीर बीमार है, जिसका दुर्लभजी अस्पताल जयपुर से इलाज चल रहा है। इसलिए उसको गिरफ्तार नहीं किया है जबकि बुजुर्ग के दो बेटों दिनेश गुप्ता ओर प्रमोद गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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