सपा ने ‘किसान दिवस‘ के रूप में मनाया चौधरी चरण सिंह का 118वां जन्मदिवस, अखिलेश यादव ने किया माल्यार्पण

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का 118वां जन्मदिवस बुधवार को समाजवादी पार्टी ने ‘किसान दिवस‘ के रूप में मनाया।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का 118वां जन्मदिवस बुधवार को समाजवादी पार्टी ने ‘किसान दिवस‘ के रूप में मनाया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं-नेताओं ने उनका नमन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि दी। प्रत्येक जनपद में इस अवसर पर चौधरी साहब के राजनीतिक योगदान की चर्चा की गई और किसानों के हित में उनके द्वारा किए गए कामों का स्मरण किया गया। समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय, लखनऊ में चौधरी चरण सिंह के चित्र पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माल्यार्पण किया। उन्होंने चौधरी साहब के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प दिलाया। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी साथ में मौजूद थे।

इस अवसर पर सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा राजधानी में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अमौसी स्थित चौधरी साहब (Chaudhary Charan Singh) की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।

अखिलेश यादव ने कहा कि आज भाजपा के राज में देश के इतिहास में एक ऐसा किसान दिवस आया है, जब उत्सव के स्थान पर देश का किसान सड़कों पर संघर्ष करने पर मजबूर है। भाजपा किसानों का अपमान करना छोड़े! क्योंकि देश का किसान भारत का मान है। उन्होंने कहा कि भाजपा का गांव-किसान से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। वह तो कारपोरेट की पोषक है। इन दिनों किसानों के आक्रोश को देखते हुए वह चौधरी साहब के प्रति दिखावटी सम्मान प्रदर्शित करते बड़े-बड़े सरकारी विज्ञापनों में स्मरण की निरर्थक एक्सरसाइज कर रही है। चौधरी साहब के प्रति यह पहली बार स्नेह उमड़ा है। चौधरी साहब (Chaudhary Charan Singh) की बड़ी फोटो लगाने का क्या अर्थ जबकि भाजपा का दिल ही बड़ा नहीं है। वैसे भी सरकार यह न समझे कि चौधरी साहब के नाम पर धूमधड़ाका करके किसानों की आवाज को वह दबा सकेगी या उनमें भ्रम फैला देगीं।

Chaudhary Charan Singh

यह भी पढ़ें : लखनऊ : 1996 के आईएएस प्रमुख सचिव और 2005 बैच के आईएएस बनेंगे सचिव

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की बात सुनना नहीं चाहती है। वह किसानों को डराने धमकाने में लगी है। भाजपा का किसान विरोधी आचरण चौधरी साहब के प्रति कृतज्ञता नहीं कृतघ्नता ही प्रदर्शित करता है। चौधरी साहब (Chaudhary Charan Singh) के नाम पर किसान सम्मान जैसा आडम्बर चलने वाला नहीं है। भाजपा की विरोधाभासी नीतियों से कोई अब गुमराह करने की कोई साजिश सफल नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि धान-गन्ना की अपनी ही कमाई के लिए किसान भटक रहे है। एमएसपी का अतापता नहीं। क्रय केन्द्रों पर भी किसान को परेशान किया जाता है। समय से भुगतान भी नहीं होता है। किसान के साथ जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं किए गए। उल्टे तीन कृषि कानून लाकर उनकी खेती कारपोरेट को बेचने की तैयारियां की जा रही है। कंपकंपाती ठण्ड में किसान सड़कों पर है और इसको वापस लिए जाने की मांग कर रहे है, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा किसान शहीद हो गए है। फिर किस मुंह से भाजपा अपने को किसान हितैषी बता रही है।

Chaudhary Charan Singh

 

यह भी पढ़ें : बड़ी खबर: सिर्फ मास्क पहनने से नहीं होगा कोरोना वायरस से बचाव, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा समाज में भाईचारे को समाप्त करना चाहती है। उसका एजेण्डा समाज में नफरत पैदा करना है। समाज की स्वस्थ परम्पराओं को नष्ट करना उसका तौरतरीका है। कट्टरता और असहमति का भाजपा प्रसार करती है। मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं से परे वह लोकतांत्रिक भावनाओं के साथ धोखा करती हैं।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की आर्थिक नीतियां वही हैं, जो चौधरी साहब (Chaudhary Charan Singh) की रही हैं। उन्होंने केंद्र में वित्तमंत्री रहते बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा गांवों को दिया था। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने कुल बजट का 75 प्रतिशत गांव-खेती के लिए देकर उनका अनुसरण किया था। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। किसानों के लिए मंडी व्यवस्था और सहकारिता क्षेत्र को मजबूती दी। किसानों को समय से कर्ज, खाद-बीज उपलब्ध कराया। गन्ना किसानों को लाभप्रद मूल्य दिया।

यह भी पढ़ें : बड़ी खबर: कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर अगले सप्ताह तक बड़ी घोषणा कर सकता है भारत

अखिलेश यादव ने कहा कि चौधरी साहब (Chaudhary Charan Singh) ने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन कर किसानों को भूमिधर बनाया। भूमि संरक्षण कानून लागू किया। चौधरी साहब मानते थे कि किसानों की खुशहाली से ही देश खुशहाल होता है। चौधरी साहब का कहना था कि खेतों से किसानों के स्वाभाविक लगाव की वजह से देश में सहकारी खेती सफल नहीं होगी। इसके लिए वे तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू जी का विरोध करने में नहीं हिचकिचाए थे। चौधरी साहब की सामाजिक नीतियों में जातिवाद का तीखा विरोध था। नौकरियों में इसकी अनिवार्यता पर वे बल देते थे। समाज में वे सामाजिक समरसता के हिमायती थे।

उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की स्थापना का चौधरी चरण सिंह के प्रयासों को समाजवादी गति देने का संकल्प लेकर चल रहे है। भाजपा को न किसानों की चिंता और नहीं बेरोजगार नौजवानों की फिक्र है। भाजपा की पहली ऐसी सरकार है जिसने चार वर्षों में कोई काम नहीं  किया है। झूठ, अफवाह और नफरत की भाजपा राजनीति को देश स्वीकार्य नहीं करेगा।

Related Articles

Back to top button