नए संसद भवन निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब सरकार…

देश के नए संसद भवन के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में सख्ती दिखाई है।

देश के नए संसद भवन (Parliament) के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में सख्ती दिखाई है। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिसंबर को ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ की अनुमति दे दी है। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं सुनाया जाता है, तब तक इस परियोजना के तहत संसद भवन का निर्माण नहीं होगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम नहीं किया जाएगा।

शिलान्यास से कोई दिक्कत नहीं है- कोर्ट

कोर्ट ने सालिसिटर जनरल से कहा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। नए संसद भवन (Parliament) की शिलान्यास से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आगे कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होना चाहिए।

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पीठ को सॉलिसीटर जनरल का आश्वासन

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दीपक माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि नए संसद भवन (Parliament) की सिर्फ आधारशिला रखने का कार्य किया जाएगा और वहां कोई निर्माण कार्य, इमारतों को गिराने या पेड़ काटने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा।

इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर आप पेपरवर्क करते हैं या फिर नए संसद भवन (Parliament) का शिलान्यास करते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए।

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नए संसद भवन (Parliament) की आधारशिला रखेंगे पीएम मोदी

गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

नए त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण

बता दें कि पिछले वर्ष सितंबर में इस परियोजना की घोषणा हुई थी, जिसमें एक नए त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है, जिसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा।इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है।

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परियोजना के खिलाफ न्यायालय में कई याचिकाएं दायर

वहीं सरकार की इस परियोजना के खिलाफ न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।

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