सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट, हाथरस पीड़िता का परिवार बोला …आज भी सपने में आती है वो और ….

हाथरस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को चारों ही आरोपियों के खिलाफ हाथरस की एससीएसटी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

हाथरस (hathras) मामले में जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को चारों ही आरोपियों के खिलाफ हाथरस की एससीएसटी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। करीब दो हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट में हत्या, गैंगरेप व दलित उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी चार जनवरी को होगी। आरोप पत्र दाखिल करते समय पीड़िता का बड़ा भाई अपनी पत्नी के साथ कोर्ट में मौजूद रहा।

कोतवाली चंदपा के गांव बूलगढ़ी में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ गैंगरेप की वारदात हुई। उसकी जान लेने की कोशिश हुई। पीड़िता के भाई की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ जानलेवा हमला और छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

गैंगरेप पीड़िता ने 22 सितंबर को अपनी मौत से पहले बयान में बताया था कि उनके साथ रेप हुआ जो सीबीआई की दो हजार पेज के चार्जशीट का प्राथमिक आधार बना। परिवार ने सीबीआई चार्जशीट के नतीजे पर थोड़ी राहत की सांस ली। पीड़िता के भाई ने कहा कि मुझे पता है इन सब से मेरी बहन वापस नहीं आ जाएगी लेकिन यह ऐसा है जिससे हमें खुशी नहीं मिलेगी।

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यूपी पुलिस ने हमें पहले दिन से परेशान किया

वह अब भी मेरे सपने में आती है। हमें अब भी विश्वास नहीं होता है कि वह अब दुनिया में नहीं है। पीड़िता की भाभी ने कहा ‘हम यह कहते रहे कि लड़कों ने उसकी इज्जत लूटी जबकि यूपी पुलिस ने हमें पहले दिन से परेशान करती रही ।  हम अपने रीति-रिवाजों में अविवाहित लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, हम उसे दफनाते हैं। जबकि पुलिस ने उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।

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‘हाथरस (hathras) गैंगरेप और हत्या के मामले ने तब तूल पकड़ा जब पुलिस ने आधी रात को जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था। जबकि परिजन शव को घर तक ले जाने के लिए बिलखते रहे। परिजनों का कहना है कि बिना उनकी सहमति के बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद गांव के माहौल में कोई बदलाव नहीं आया है, पीड़ित परिवार का कहना है कि, ‘उनका (अपर कास्ट) रुख हमारे प्रति अब भी बदला नहीं है।

आंसुओ को पोछते हुए पीड़िता की भाभी ने कहा…

अब भी पहले जैसा ही है.’सिसकते हुए पीड़िता की भाभी कहती हैं, “मेरे अपने परिवार में तीन बेटियां हैं, यह लड़ाई अब उनके लिए है।  कोई भी कभी भी नहीं जान पाएगा कि हम उसे (ननद को) कितना याद करते हैं, लेकिन अब हमें लड़ते रहना है।  यह एक शुरुआत है।  हर किसी ने हम पर उंगलियां उठाईं।  पुलिस, जिलाधिकारी सभी ने डराया, धमकाया।  हम फिर कभी इस तरह से प्रताड़ित नहीं होना चाहते।

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परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन विभाग का कहना है कि परिवार की मर्जी के बाद ही युवती का अंतिम संस्कार किया गया। मामले में यूपी पुलिस के अलावा एसटीएफ ने भी जांच की। बाद में केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। एजेंसी मामले में आरोपियों संदीप, लवकुश, रामू और रवि की भूमिका की जांच में लगी है। फिलहाल, चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चारों पर गैंगरेप और उसके बाद हत्या के गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच के दौरान आरोपियों का कई तरह का फरेंसिक टेस्ट किया गया था। इसके अलावा जांचकर्ताओं ने जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों से भी बातचीत की, जहां गैंगरेप पीड़िता का इलाज कराया गया था। बता दें कि मामले को लेकर योगी सरकार को भी काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं। यूपी पुलिस गैंगरेप थ्योरी खारिज करने के चलते लोगों के निशाने पर थी।

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