#ByeBye2020 : कभी नहीं भूलेंगे तुमको, तुमने तो ‘याद दिला दी हमें नानी’

ज़िंदगी का सबसे बड़ा विलन और कोई नहीं बल्कि खुद पूरा का पूरा 2020 साल लगा। कभी नहीं भूलेंगे इसकी शुरुआत से लेकर अब तक का हर दिन।

#ByeBye2020: ज़िंदगी का सबसे बड़ा विलन और कोई नहीं बल्कि खुद पूरा का पूरा 2020 साल लगा। कभी नहीं भूलेंगे इसकी शुरुआत से लेकर अब तक का हर दिन। हर मीम और खबर जब साल की शुरुआत में ही नागरिकता कानून पर जब देशभर में बवाल छिड़ गया था।  इसके बाद पूरे देश में आंदोलन और प्रदर्शन की भरमार रही।

इसके बाद आया फरवरी फरवरी माह की शुरुआत केंद्रीय बजट पेश किये जाने के साथ हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की प्रगति को आगे ले जाने में सहायक बजट पेश किया और कई नई योजनाओं की शुरुआत की जिसमें विवाद से विश्वास तक योजना प्रमुख रही। फरवरी माह में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नामक ट्रस्ट का गठन किया है।

इसके बाद आता है दिल दहला देने वाला महीना मार्च जब कोरोना की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। मार्च महीने में जैसे-जैसे कोरोना वायरस की रफ्तार तेज होती रही वैसे-वैसे खेल टूर्नामेंटों और अन्य बड़े आयोजनों के रद्द होने के समाचार आने लगे। यही नहीं जब जान पर बन आई तो सीएए विरोधी प्रदर्शन भी बंद होने लगे और शाहीन बाग के तंबू भी उखड़ गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस महामारी की गंभीरता से देश को अवगत कराया और इसी के साथ ही उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया और इसके दो दिन बाद ही उन्होंने देश में 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी जिसे बाद में आगे बढ़ाया गया। मार्च के अंत में हुआ यह जनता कर्फ्यू।

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और फिर आया मुआ अप्रैल जिसने करा दिया लॉक डाउन

ये वही महीना है जिसने लोगों को घर में कैद रहने को मजबूर कर दिया था। अप्रैल महीने की शुरुआत में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात के सदस्यों का एक साथ एकत्रित होना और वह भी लॉकडाउन के दौरान, यह बड़ा मुद्दा बन गया। जब यह बात सामने आई कि अधिकांश जमाती कोरोना पॉजिटिव हैं तब तो सरकारों की मुश्किलें और बढ़ गयीं क्योंकि जब तक प्रशासन चेतता तब तक यह जमाती अलग-अलग शहरों के लिए रवाना हो चुके थे और यह जहां भी गये वहीं पर इन्होंने कोरोना को फैलाया। इनका मुखिया मौलाना साद अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।

 जब जान बचाने के लिए घर को लौटे थे प्रवासी मजदूर

अब तक आँखों में ताजा है वो रूह को कंपा देने वाला मंजर जब प्रवासी मजदूरों ने अपनी जान बचने के लिए घर वापसी की थी। जिनमे से कुछ ही सही सलामत घर पहुंच पाए थे। अप्रैल में देश ने आजादी के बाद का सबसे बड़ा पलायन तब देखा जब लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी छिन जाने से प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्यों की ओर निकल पड़े। चूँकि सार्वजनिक परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं थे इसलिए ये कामगार पैदल चलकर, साइकिल चलाकर और ट्रकों के जरिए, यहां तक कि कंटेनर ट्रकों और कंक्रीट मिक्सिंग मशीन वाहन में छिपकर आनन-फानन में अपने घर लौटे थे और इस दौरान कई मजदूर दुर्घटनाओं के शिकार भी हुए। प्रवासी मजदूरों के पलायन के समय देश भर से जिस तरह की भावुक कर देने वाली तसवीरें सामने आईं उनको देश लंबे समय तक याद रखेगा।

 लॉक डाउन में लोगों को याद आएं प्रभु राम

कोरोना काल में काम धाम सब ठप था।  तब सबको याद आए सिर्फ भगवान राम। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मोदी सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया था। ऐसी परिस्थिति में बहुत से लोगों के लिए घर में समय काटना मुश्किल साबित हो रहा है।  इस बीच बड़ी खबर सामने आई थी कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया है कि एक बार फिर दूरदर्शन पर रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण किया जाएगा।

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया था  कि 28 मार्च 2020 से रामानंद सागर के टीवी सीरियल रामायण का दूरदर्शन पर दोबारा प्रसारण किया जा रहा है। “जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च 2020 से रामायण का प्रसारण दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू किया था। पहला एपिसोड सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे दिखाया गया था।

रामानंद सागर की रामायण कई मायने में ऐतिहासिक थी. रामायण के शो का हर किरदार अमर हो गया था। लोगों ने इस टीवी शो को इतना प्यार दिया था कि इसके बाद कई बार रामायण बनाई गई, लेकिन लोगों को वैसा अनुभव कभी नहीं हुआ जो रामानंद सागर की रामायण को देख होता था।

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थाली और घंटी बजा कर किया था ….

प्रधानमंत्री मोदी  ने अप्रैल के पहले सप्ताह में देश को दिये अपने संबोधन में लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान किया और 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे लाइटें बंद करके 9 मिनट तक दीये या मोमबत्ती से रोशनी करने का आह्वान किया था।  डर के इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात देश  को संबोधित किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की महामारी को विश्वयुद्ध से भी भयानक बताया और देशवासियों को खुद के साथ ही अन्य लोगों के भी बचाव का मंत्र दिया था।  उन्होंने 22 मार्च, रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया और लोगों से अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, मीडियाकर्मियों को धन्यवाद अर्पित करने का आह्वान किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने धन्यवाद अर्पित करने का तरीका भी बताया था।  22 मार्च की शाम ठीक 5 बजे अपने घर के दरवाजे पर, खिड़की के पास या बालकनी में खड़े होकर 5 मिनट तक ताली बजाकर, थाली बजाकर इनके प्रति धन्यवाद अर्पित करने की बात कही थी। पीएम मोदी ने प्रशासन से भी शाम 5 बजे सायरन बजाकर लोगों को इसकी याद दिलाने के लिए कहा था।  प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे के बावजूद यह सभी इसके खिलाफ जारी जंग में सक्रिय हैं।

 लॉक डाउन में लोगों को याद आएं प्रभु राम

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मोदी सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया था। ऐसी परिस्थिति में बहुत से लोगों के लिए घर में समय काटना मुश्किल साबित हो रहा था। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है।  केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया है कि एक बार फिर दूरदर्शन पर रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण किया जाएगा। इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया था कि 28 मार्च 2020 से रामानंद सागर के टीवी सीरियल रामायण का दूरदर्शन पर दोबारा प्रसारण किया जा रहा था।

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हाथ मिलाने से लेकर हाथ जोड़ने का ये सफर भी हमेशा रहेगा याद

90 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस ने लोगों को ऐसा डराया है कि वे हाथ मिलाने की जगह भारतीय तरीके से हाथ जोड़कर अभिवादन कर रहे हैं। इजरायली पीएम नेतन्याहू के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर आई है जिसमें वह नमस्ते करते दिख रहे हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वह अब अपने सभी समकक्षों से हाथ मिलाने की जगह उनका नमस्ते के साथ अभिवादन करेंगे। फ्रांस में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से अधिक संक्रमित हैंलंदन के मार्लबोरो हाउस में जब कॉमनवेल्थ रिसेप्शन में प्रिंस चार्ल्स पहुंचे तो उन्होंने वहां मौजूद अतिथियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया, जबकि वहां लोग हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं। उन्हें ऐसा करते देख अन्य लोग भी हाथ जोड़कर नमस्ते करते दिखे। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण छह लोगों की मौत हो चुकी है और कुल 382 लोग इससे संक्रमित हैं।

मुँह छिपाकर  जीना सीखा गया 2020

कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को सलाह दी गई थी। लोगों से कहा गया था कि वो अपने-अपने घरों में ही रहे और आपात स्थिति में ही घर से बाहर निकलें। इसके चलते ही भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन के घोषणा कर दी थी। भारत समेत कई और देशों में भी धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलना शुरू किया है और लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। लोगों से कहा गया है कि वे सफ़ाई का ध्यान रखें, हाथों को नियमित तौर पर साफ़ करते रहें, मास्क पहनें और एक-दूसरे के संपर्क में कम आएं यानी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें।

 

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