बुंदेलखंड : जहरीली शराब ने छीन ली 5 लोगों की जिंदगी

यूपी में ज़हरीली शराब का काला कारोबार करने वाले माफियाओं पर नकेल कसने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि प्रशासन ऐसे लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करे

यूपी में ज़हरीली शराब का काला कारोबार करने वाले माफियाओं पर नकेल कसने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि प्रशासन ऐसे लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करे, और उनकी संपत्ति भी कुर्क कर ली जाए, ताकि जिंदगियों को मौत की नींद सुला देने वाले माफियाओं में खौफ़ पैदा हो सके, और वो इस काले कारोबार को बंद करने को मजबूर हो जाएं। मग़र प्रशासन की लापरवाही के चलते इस ज़हरीली शराब से बुलंदशहर में 5 लोग मौत की नींद सो गए और 17 लोग अभी भी बुलंदशहर और नोएडा के अलग-अलग निजी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।

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ये चींख, पुकार, हाहाकार और हर तरफ़ मातम ही मातम की तसवीरें बुलंदशहर के सिकन्दराबाद कोतवाली क्षेत्र के जीतगढ़ी गांव की हैं। यहां ज़हरीली शराब के सेवन से न सिर्फ़ पांच लोग मौत की आगोश में सो गए, बल्कि कई लोग अभी अस्पतालों में मौत से जंग लड़ रहे हैं। जिसके बाद गाँव में हर तरफ मातम का माहौल है। ग्रामीणों में जहां मरने वाले लोगों की मौत का गम है, तो वहीं स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के ख़िलाफ़ भारी रोष है। ग्रामीणों का आरोप है कि शराब माफिया की पुलिस से साठगांठ थी, जिसके चलते उसका काला कारोबार लंबे समय से प्रतिदिन फलफूल रहा था।

 

म्रतक की पत्नी का आरोप तो यहां तक है कि बुलंद हौंसले वाला शराब माफिया शिकायत करने पर उलटा पीड़ित परिवार को ही धमकाता था जिसके चलते ग्रामीण इसका खुलकर विरोध भी नहीं कर पाते थे। हालांकि प्रशासन को जैसे ही 5 लोगों की मौत, और एक दर्जन से अधिक की हालत बिगड़ने की सूचना मिली तो डीएम और एसएसपी समेत स्वास्थ्य महकमें के साथ आबकारी विभाग के अधिकारी भी गांव पहुंच गए, डीएम रविन्द्र कुमार ने सीएमओ को शराब पीने से हालत बिगड़ने वाले लोगों की डायलिसिस के लिए बुलंदशहर के अलग अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराने के निर्देश दिए और बीमारों को शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।डीएम ने दावा किया कि घटना के तत्काल बाद शराब माफिया के परिवार के तीन लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जा चुका है जबकि जिलाधिकारी ने आबकारी इंस्पेक्टर सहित तीन लोगों को किया निलंबित और एसएसपी ने मामले में सिकन्दराबाद कोतवाली प्रभारी दीक्षित कुमार त्यागी, चौकी प्रभारी अनोखे पूरी और हल्का इंचार्ज सहित 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।

हालांकि डीएम एसएसपी आरोपियों पर NSA जैसी बड़ी कार्रवाई करने का दम भर रहे हैं जबकि मामले में कई लोगों को निलंबित भी किया जा चुका है मगर सवाल यह है कि आखिर ज़हरीली शराब का ये कला कारोबार यहां किसके दम पर फलफूल रहा था । आखिर सरकार के आदेशों के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखें मूंद कर बैठे हुए थे, आखिर क्यों अधिकारी कोई अनहोनी हो जाने के बाद ही निलंबन करने जैसी कार्रवाई करते हैं। आखिर वक्त रहते ही अधिकारियों द्वारा पुलिस कर्मियों को सख्त आदेश क्यों नहीं दिए जाते हैं। क्यों पुलिस शराब माफिया के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए उसे सलाखों के पीछे नहीं भेज पाती है, यदि वक्त रहते ही जहरीली शराब माफियाओं के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जाती तो शायद 5 लोगों की मौत ना होती, और ना ही17 लोगों को मौत से जंग लड़नी पड़ती।

 

REPORT: ZISHAN

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