गोरखपुर में सरकारी अस्पतालों की पर्चियों पर भी दलालों का कब्ज़ा, हो रहे अवैध अल्ट्रासाउंड
फर्जी डिग्री बनवा कर अवैध अल्ट्रासाउंड की आड़ में चोरी-छिपे भ्रूण परीक्षण करने वालों के मुंह ऐसा खून लग चुका है कि इन्हें इससे ज्यादा और मुनाफे वाला और कोई धंधा नजर ही नहीं आता।
गोरखपुर hospitals : फर्जी डिग्री बनवा कर अवैध अल्ट्रासाउंड की आड़ में चोरी-छिपे भ्रूण परीक्षण करने वालों के मुंह ऐसा खून लग चुका है कि इन्हें इससे ज्यादा और मुनाफे वाला और कोई धंधा नजर ही नहीं आता।
अब इन लोगों ने ब्लॉक तथा सरकारी अस्पतालों (hospitals) में भी अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है । ताजा मामला गोरखपुर जनपद का है । गोरखपुर जनपद के चौरी चौरा क्षेत्र स्थित भोपा बाजार में फर्जी डिग्री धारियों के गिरोह द्वारा संचालित कार्तिकेय डायग्नोस्टिक सेंटर में अवैध पैथोलॉजी से लेकर अल्ट्रासाउंड तथा अल्ट्रासाउंड की आड़ में चोरी छुपे भ्रूण परीक्षण का कार्य जोरो पर है।
शुक्रवार को हुए स्टिंग ने इसकी पोल खोल कर रख दी
इस डाइग्नोस्टिक सेन्टर के दलाल चौरीचौरा के सरदार नगर स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर भी सक्रिय है । यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को पर्ची कटाने के बाद ये दलाल कार्तिकेय डाइग्नोस्टिक सेन्टर का कार्ड पकड़ा कर उन्हें खून जांच तथा अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इस सेन्टर पर भेज देते है । शुक्रवार को हुए स्टिंग ने इसकी पोल खोल कर रख दी।
मरीजों का खून जांच तथा अल्ट्रासाउंड किया गया
ऐसे 2 मामले शुक्रवार को सबूतों के साथ पकड़ में आए जिनमे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र से सीधा इस कार्तिकेय डायग्नोस्टिक सेंटर पर भेजा गया जहां इन मरीजों का खून जांच तथा अल्ट्रासाउंड किया गया।
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खोजबीन करने पर सबूतों के साथ जो सबसे मजेदार बात पता चली वह यह थी कि इस डायग्नोस्टिक सेंटर के रिपोर्ट के नीचे पी के मिश्रा का नाम और उसकी तमाम डिग्रियां लिखी हुई हैं , जिनके बारे में प्रशासन को पता है कि यह सब फर्जी डिग्रियां है। इन फ़र्ज़ी डिग्री के आधार पर खुद के नाम के आगे डॉक्टर लिखने वाले इस प्रदीप मिश्रा की डिग्री को जब कोर्ट में चुनौती मिली तो ये वहां से भाग निकला ।
एक्सरे को प्रशासन द्वारा सील किया जा चुका है
इसके अलावा इस प्रदीप मिश्रा के बारे में प्रशासन को यह भी पता है कि पुलिस की फाइलों में यह शख्श गैंगेस्टर, लुटेरा और ख़ूनचूसवा गिरोह के सदस्य के तौर पर दर्ज है तथा जनपद के कूड़ा घाट स्थित इसके पी के डाइग्नोस्टिक सेंटर की अल्ट्रासाउंड मशीन ,पैथोलॉजी तथा एक्सरे को प्रशासन द्वारा सील किया जा चुका है।
इस घटना के बाद यह शख्स भागकर चौरीचौरा के भोपा बाजार में अपने मित्र और पड़ोसी विनय रॉय के साथ मिलकर कार्तिकेय डाइग्नोस्टिक सेन्टर चला रहा है और इस सेन्टर की आड़ में अपने अवैध क्रिया कलापो को अंजाम दे रहा है । इससे पूर्व इस शख्स द्वारा गोरखपुर जनपद में 2008 से अब तक संचालित तीन डाइग्नोस्टिक सेंटरों, महाकाल डाइग्नोस्टिक सेन्टर , पी के डाइग्नोस्टिक सेन्टर तथा महानगर डाइग्नोस्टिक सेन्टर को प्रसाशन द्वारा सील कर कार्यवाही की जा चुकी है ।
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