नवजात शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को भूल से भी नहीं करना चाहिए इसका सेवन
मां बनना हर औरत के लिए एक नया और जीवनभर याद रहने वाला अनुभव है. इस दौरान शरीर में बहुत बदलाव आते हैं और साथ ही कुछ बदलाव अपनी डाइट और जीवनशैली में करने भी पड़ते हैं.
जीवनशैली में होने वाले बदलाव शायद बच्चा होने के बाद कुछ हद तक बदल सकते हैं, लेकिन डाइट में होने वाले इसके बाद भी जारी रहते हैं. खासकर तब जब आप बच्चे को दूध पिला रही हों यानी ब्रेस्टफीड पर हों.
अगर आप हल्दी का सेवन करती हैं तो इससे आपके और आपके बच्चे के बार-बार बीमार पड़ने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। दरअसल, हल्दी में लिपोपोलाईसैचेराइड होता है जो शरीर में इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें एंटीफंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को सर्दी.जुकाम और बुखार की समस्या से दूर रखने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त हल्दी में एंटी.इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो पेट में होने वाले बैक्टीरिया और कीटाणु को नष्ट करने में मदद करते हैं और पेट से जुड़ी समस्या जैसे कब्ज, दस्त और एसिडिटी से दूर रखते हैं। इसके अलावा स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में होने वाली ब्लोटिंग से भी बचाते हैं।
अगर आप एल्कोहल लेती हैं तो इसे भी बहुत कम मात्रा में लें. इसका ज़्यादा सेवन आपके ब्लड एल्कोहल लेवल को बढ़ाकर इसे बच्चे को पिलाने वाले दूध में मिला सकता है.
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