रियल लाइफ हीरो सोनू सूद की मूर्ति बनाकर लोगों ने मंदिर में लगाई, अभिनेता ने कहा, ‘मैं इसके लायक नहीं’

लॉकडाउन के समय हजारों लोगों को उनके घर तक पहुंचाकर मिसाल पेश करने वाले रियल लाइफ हीरो सोनू सूद ने कभी सपने में भी शायद नहीं सोचा होगा कि, लोगों का प्यार उनके लिए इतना बढ़ जाएगा कि, उन्हें भगवान मानकर पूजा करने लगेंगे.

लॉकडाउन के समय हजारों लोगों को उनके घर तक पहुंचाकर मिसाल पेश करने वाले रियल लाइफ हीरो सोनू सूद(sonu sood) ने कभी सपने में भी शायद नहीं सोचा होगा कि, लोगों का प्यार उनके लिए इतना बढ़ जाएगा कि, उन्हें भगवान मानकर पूजा करने लगेंगे. ये बात सुनकर अगर आपको भी हैरानी हुई है तो जान लीजिए कि, बात शत प्रतिशत सही है और लोगों ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद(sonu sood) की मूर्ति लगाकर उनकी पूजा कर रहे हैं. सोनू सूद की ये मूर्ति तेलंगाना राज्य के सिद्दिपेट जिले के डुब्बा टांडा गांव में लगाई गई है.

गांव के लोगों का मकसद सिर्फ इस मूर्ति को लगाने के पीछे ये है कि, लोग सोनू सूद के दरियादिली को जान सकें जो उन्होंने लॉकडाउन से लेकर अब तक दिखाई है. वैसे तो जो सोनू सूद(sonu sood) देश गरीब, असहाय और मजबूरों के लिए कर रहे हैं उसकी कोई कीमत अदा नहीं की जा सकती है. लेकिन इस मूर्ति ने इतना जरुर बता दिया है कि, जो काम बॉलीवुड में 50 साल रहने के बाद भी लोग नहीं कर पाए वो काम सोनू सूद ने चंद महीनों में कर दिया है.

एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए इस गांव के एक रहवासी ने बताया, सोनू(sonu sood) ने महामारी के दौरान कई लोगों की मदद की. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमने उनका मंदिर बनाया. इस मंदिर के बारे में सुनकर सोनू खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए लिखा, यह बेहद खुशी का पल है लेकिन इसके साथ मैं ये भी कहूंगा कि मैं इसके काबिल नहीं. मैं बस एक आम आदमी हूं जो अपने भाई-बहनों की मदद कर रहा है. सोनू ने ट्विटर पर इस बारे में लिखा, मैं आप सबका आभारी हूं, लेकिन मैं इसके काबिल नहीं हूं.

सोनू सूद ने न सिर्फ लॉकडाउन के समय लोगों को उनकी मंजिलों तक पहुंचाया है बल्कि अब भी वो किसी के भी दर्द की कराह सुनकर तुरंत मदद के लिए आगे आ जाते हैं. उनकी दरियादिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, रुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि, लोगों की मदद के लिए सोनू सूद ने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदे गए मुंबई की कुछ प्रॉपर्टी को बेचकर लोगों की मदद की है. जब लोग सरकार और सिस्टम से सहारे की उम्मीद खो देते हैं तब सोनू सूद उम्मीद की रोशनी बनकर उजाला फैलाने आ जाते हैं.

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