मुरादाबाद : ब्लड ग्रुप था AB पॉजिटिव, B नेगेटिव का करते रहे इलाज, मौत के मुँह में पहुँच गई गर्भवती
जांच सही तो इलाज सही का दावा करने वाली कम्पनी का स्लोगन आपने टीवी अख़बार या फ़िर अन्य स्थानों
जांच सही तो इलाज सही का दावा करने वाली कम्पनी का स्लोगन आपने टीवी अख़बार या फ़िर अन्य स्थानों पर जरूर देखा होगा लेकिन दावा करने वाली कम्पनी के कर्मचारियों ने ही एक गर्भवती महिला को मौत के मुंह मे पहुंचा दिया, हालत बिगड़ी तो आनन फानन में महिला को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया, गनीमत रही कि महिला के परिजनों की जल्दी आंखे खुल गईं, जिसकी वजह से महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को बमुश्किल बचाया जा सका। परिजनों ने जब लापरवाही का विरोध किया तो कलेक्शन सेंटर के डॉक्टर और पैथकाइंड लैब के स्टाफ ने एक दूसरे पर लापरवाही के आरोप लगाने शुरू कर दिए। Cmo मुरादाबाद ने अब इस मामले में अधिकारी नियुक्त कर जाँच के आदेश दिए हैं।
दरअसल राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त और जांच सही तो इलाज सही का दावा करने वाली पैथ काइंड लैब के कर्मचारियों की लापरवाही एक महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भारी पड़ गयी। गर्भवती महिला मौत के मुँह में पहुँच गयी। लेकिन डॉक्टर्स की सूझबूझ ने जच्चा और बच्चा की जान बचा ली। आपको बता दें कि गर्भवती महिला ने डिलीवरी से पहले अपने सारे टेस्ट कर आए थे जो बरुआ नर्सिंग होम स्थित कलेक्शन सेंटर पर हुए। लेकिन टेस्ट की जो रिपोर्ट आई उसमें महिला के ब्लड ग्रुप को AB पॉजिटिव की जगह B नेगेटिव दर्शा दिया और उसके आधार पर ही महिला का इलाज चलता रहा।
क्योंकि महिला एनिमिक थी जब महिला की हालत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने महिला के टेस्ट कराए लेकिन टेस्ट रिपोर्ट में जो सामने आया वह देख परिवार के लोग और डॉक्टर्स की टीम हैरान रह गई।
दरअसल महिला का ब्लड ग्रुप AB पॉजिटिव था लेकिन पैथकाइंड लैब की टेस्ट रिपोर्ट में महिला का ब्लड ग्रुप B नेगेटिव दर्शाया गया। ये देख परिवार के भी होश उड़ गए क्योंकि यदि AB + महिला को B नेगेटिव ब्लड चढ़ा दिया जाता तो महिला की मौत हो जाती। हालाकिं दूसरे डॉक्टर्स की सूझबूझ ने महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को बचा लिया और लम्बे इलाज के बाद उसे घर भेज दिया।
इतनी बड़ी लापरवाही को देखकर सवाल जानी-मानी पैथकाइंड लैब के कलेक्शन सेंटर के डॉक्टर और लैब के कर्मचारियों पर सवाल यह खड़े होते हैं कि आखिरकार इनकी रिपोर्ट और इनके इलाज पर विश्वास कैसे किया जाए। क्योंकि यदि महिला का इलाज इन्ही की रिपोर्ट के आधार पर होता रहता तो महिला और मासूम की जान भी जा सकती थी। इस विषय पर जब डॉक्टर्स और पैथकाइंड के स्टाफ से बात की गई तो दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे और बात को टालने के हवाला देते रहे।
शहर में बरुआ नर्सिंग होम और पैथकाइंड लैब की लापरवाही के कारण एक महिला और मासूम की जान जोखिम मैं आ गई और ऐसे लोगों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यो नहीं हुई जब यह सवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी से किया गया तो उन्होंने भी अब इस मामले पर एक अधिकारी को नियुक्त करते हुए जांच बैठा दी है उनका कहना है कि जल्द ही जांच पूरी होने के बाद दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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