कृषि कानून: आंदोलन को घर-घर पहुंचाने के लिए किसान बना रहे हैं मास्टर प्लान, भाकियू ने बुलाई बैठक

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों (Farmers) का आंदोलन आज लगातार 34वें दिन भी जारी है।

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों (Farmers) का आंदोलन आज लगातार 34वें दिन भी जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठक होने के बावजूद इस गतिरोध का अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।

वहीं, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान (Farmers) अपने आंदोलन को घर-घर पहुंचाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को अधिक से अधिक जोड़ा जाएगा। इसके लिए भारतीय किसान यूनियन हरियाणा ने बैठक बुलाई है, जो एक जनवरी को आंदोलनस्थल पर आयोजित होगी।

यह भी पढ़ें : कृषि कानून: बुधवार को होने वाली बातचीत में किसानों को मनाएगी सरकार, तैयार किया गया ये मास्टर प्लान…

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह बैठक हरियाणा पंडाल में बुलाई गई है। इस बैठक में प्रदेशभर के सदस्यों से आह्वान किया गया है कि जो लोग किसी वजह से अब तक धरनास्थल पहुंचने में असमर्थ रहे हैं, वह इस बैठक में अवश्य हिस्सा लें। हरियाणा का किसान (Farmers) आंदोलन में रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगा। आगे उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी कई बड़े फैसले लेने का संकल्प किया गया है। इसके तहत अनिश्चितकाल के लिए हरियाणा टोल फ्री की कॉल पहले ही की जा चुकी है।

यह भी पढ़ें : आंदोलन के बीच पंजाब में किसानों ने Jio के 1500 टावरों में की तोड़फोड़, बताई जा रही है ये वजह…

किसानों से हरियाणा अध्यक्ष चढूनी ने आह्वान किया कि वह अपने घरों पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का झंडा लगाएं। उन्होंने कहा कि किसान (Farmers) अपने ट्रैक्टर, गाड़ियों, बाइक पर भी वही झंडा लगाएं, ताकि सरकार को पता चले कि किसान हर जगह कानूनों के विरोध में खड़ा है। देशभर में एक ही तरह के झंडे के नीचे किसान आंदोलन चलेगा। इसके लिए जल्द ही भाकियू झंडे का प्रारूप जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को जन-जन का आंदोलन बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को देशभर में चलाया जाएगा। गांव-गांव जाकर कार्यकर्ता किसान को इन कानूनों की कमी बताएंगे। इतना ही नहीं, आढ़तियों से भी सहयोग से मंडियों में आने वाले हर किसान को कानून के बारे में समझाया जाएगा।

Related Articles

Back to top button