खतरे में नजर आ रहा बीजेपी का ब्राह्मण वोटबैंक, सेंध लगाने की कोशिश में लगा है विपक्ष

खतरे में नजर आ रहा बीजेपी का ब्राह्मण वोटबैंक, सेंध लगाने की कोशिश में लगा है विपक्ष

BJP’s Brahmin vote bank seen in danger : उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सूबे को अपराध मुक्त प्रदेश बनाने का दम भरते नजर आते हैं

. हालांकि प्रदेश में अपराध का ग्राफ दिन प्रति बढ़ता नजर आ रहा है. प्रदेश में हो रही इन आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर भी नजर आ रहा है. विपक्ष के इन्ही हमलों के बीच अब ब्राह्मणवाद की गूंज भी सुनाई देने लगी है. बीते दिनों कानपुर में हुए बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से योगी सरकार पर ब्राह्मणों के शोषण का आरोप लगने लगा है. उसके बाद प्रयागराज जिले में हुई छह ब्राह्मणों की हत्या के मामले ने इन आरोपों और बल दिया। हाल ही में मऊ जिले में मुख्तार अंसारी के शूटर राकेश पांडेय के एनकाउंटर ने ब्राह्मणवाद के शोषण के आरोपों की आग में डालने का काम किया है.

सोशल प्लेटफॉर्म्स पर योगी सरकार पर लगातार लग रहे ब्राह्मण विरोधी होने के आरोपों को विपक्ष ने भुनाना भी शुरू कर दिया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अभी हाल ही में ट्विटर के माध्यम से सूबे ब्राह्मण वोट बैंक पर एक बड़ा जाल भी फेंका था. उन्होंने अपने ट्वीट में योगी सरकार को चेताते हुए लिखा था कि वह ब्राह्मण समाज को परेशान न करे। उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने एक ट्वीट के से बीजेपी की मजबूती कहे जाने वाले ब्राह्मण वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि सुदामा का साथ सिर्फ़ कृष्ण दे सकते हैं। बाक़ी उनका सिर्फ़ उपयोग कर सकते हैं। इसी क्रम में कांग्रेस भी ब्राह्मण उत्पीड़न का आरोप लगाकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश रहा है.

ब्राह्मण शुरुआत से ही उत्तर प्रदेश की सत्ता का मुख्य आधार माना जाता रहा है. वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में दलितों की नेता कही जाने वाली मायावती ने ब्राह्मणकार्ड खेलते हुए सत्ता भी हासिल की थी. हालांकि विधानसभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी ने वापसी करते हुए दोबारा सत्ता हासिल कर ली. वर्ष 2017 में बीजेपी ने दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर जीत का परचम लहराया है. इस जीत में ब्राह्मण वोटबैंक का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है. अब जब योगी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लग रहा है, तो देखना यह है की बीजेपी अपने सबसे बड़े वोटबैंक को साधने के लिए क्या जुगत लगाती है. साथ ही यह भी देखने योग्य होगा कि क्या विपक्ष बीजेपी के इस वोटबैंक पर सेंध लगाने में कामयाब रहती है?

Related Articles

Back to top button