आखिर क्यों बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक के सामने असहाय है पुलिस प्रशासन

The UP Khabar 

BJP MP Subrat Pathak कन्नौज : मंगलवार की बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक की गुंडई के कारण सदर तहसीलदार का पूरा परिवार अभी भी सदमें में है। अभी भी सदर तहसीलदार और उनका परिवार 24 घंटे से ज्यादा बीतने के बाद भी मंगलवार को हुई घटना को याद कर सिहर उठता है. खुद को अंदर से मजबूत कर तहसीलदार अरविंद कुमार पत्नी और बेटी को हिम्मत बढ़ाने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन मासूम बच्ची के सवालों के आगे उनके सारे तर्क कमजोर पड़ जाते हैं.

सत्ता की हनक और बीजेपी सांसद की गुंडई इस कदर चरम सीमा पर है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी तक तहसीलदार अरविंद कुमार की किसी ने भी मदद नहीं। इतना ही नहीं बीजेपी सांसद ने बेशर्मी दिखाते हुए जिला प्रशासन की मदद से एक दलित व्यक्ति (बोरिया) से क्रॉस केस करवाने के लिए उसे थाने भेज दिया और दलित तहसीलदार एवं दोनों लेखपाल के खिलाफ उन्हीं धारा में मुकदमा लिखवाने की तहरीर दिलवाई।

आखिर जिला प्रशासन इतना असहाय क्यों दिख रहा है बीजेपी सांसद पाठक के सामने। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन किस तरह असहाय हो गया है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी तक अभियुक्तों के विरुद्ध ना तो कोई दबिश हुई है और ना ही कोई गिरफ्तारी।

गिरा-गिरा कर मारने लगे

तहसीलदार ने पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया, “सांसद जी ने कहा कि तुमने सूची के मुताबिक वितरण क्यों नहीं किया…मैंने कहा कि सर वितरण कर रहा हूं, नायब साहब वितरित करा रहे हैं…मेरा मोबाइल छीन लिए और सांसद जी मुझे थप्पड़ से पीटने लगे…उनके साथ 20-25 लोग थे वे भी मुझे गिरा-गिरा कर मारने लगे…”

समाजवादी पार्टी ने की कार्रवाई की मांग

समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और ट्वीट किया है. समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वविटर हैंडल पर लिखा, ” कानपुर के बाद कन्नौज में BJP MP ने घर पर खाने के पैकेट ना भिजवाने पर तहसीलदार के घर में घुस कर की पिटाई घोर निंदनीय. पीड़ित तहसीलदार से संवेदना! अपने दिए गए बयान पर अमल करते हुए आरोपी एमपी सुब्रत पाठक पर NSA लगाएं सीएम.”

पापा वह लोग अब तो नहीं आएंगे:-

बेटी बार-बार पूछती है कि पापा वह लोग अब तो नहीं आएंगे बच्ची का यह सवाल ना सिर्फ अरविंद को बल्कि उनकी पत्नी अलका को अंदर तक खफा देता है. तीनों की आंखों के सामने अभी भी मंगलवार दोपहर का मंदिर घूम रहा है. अरविंद कुमार के घर का माहौल मंगलवार की घटना के बाद बिल्कुल बदल गया है. मंगलवार की रात करवट बदल कर भी थी सुबह जल्दी नींद खुल गई. मन में आया कि बाहर निकला जाए लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सके.

सदर तहसीलदार अरविंद कुमार दिनभर पत्नी और बच्ची के साथ आवास पर ही रहे. टीवी देख कर मन भटकाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे. खाने-पीने में भी रुचि नहीं दिखी बच्ची मंगलवार की घटना को लेकर जाती है तो अरविंद अपने बैठाकर समझाने का प्रयास करते हैं. बीच-बीच में अनुश्री ऐसे सवाल दाग देती जिसका जवाब देना बेहद कठिन हो जाता है.

फिलहाल पूरा परिवार मंगलवार को ही घटना को भुलाने की कोशिश में जुटा है. हर पल बदलते वक्त के साथ या बुरा वक्त भी कट जाएगा। यही कारण रहा कि अरविंद कुमार अब कुछ अपने परिवार के साथ बिता रहे हैं.

क्या था पूरा मामला :-

BJP MP Subrat Pathak : मंगलवार को बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक अपने गुर्गों के साथ तहसलीदार के पास पहुंचे और उन पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाने लगे. जब तहसीलदार ने गलत काम करने से मना कर दिया तो बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक अपने गुर्गों के तहसीलदार के सरकारी आवास पर पहुंचे और अपने गुर्गों के साथ तहसीलदार अरविन्द कुमार को उनकी पत्नी और छोटी बेटी के सामने उन्हें बुरी तरह पीटने लगे. जिसके कारण तहसीलदार की पत्नी और बेटी अभी भी सदमे में हैं.

कार्यवाही के नाम पर पुलिस ने की खाना पूर्ति:-  

पुलिस ने इस मामले में FIR तो दर्ज कर ली है मगर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही की है. क्योंकि FIR दर्ज होने के बाद भी अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

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