Birthday Special :क्यों अपना असली नाम छुपाती हैं एक्ट्रेस ‘तब्बू’, 50 की उम्र में भी हैं अकेली
अपनी फिल्मों एवं भूमिकाओं के मामले में चुनिंदा होने के साथ ही तमिल, तेलुगू और बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा 'तब्बू' का जन्म 4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में हुआ।
मुस्कान आज़मानी
अपनी फिल्मों एवं भूमिकाओं के मामले में चुनिंदा होने के साथ ही तमिल, तेलुगू और बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा ‘तब्बू’ का जन्म 4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में हुआ।
‘हम साथ साथ हैं’ और ‘विजयपथ’ जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग के बल पर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई
तब्बू ने। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म ‘हम नौजवान’ से की थी। लेकिन ,तब्बू की प्रोफेशनल लाइफ जितनी सफलता और सादगी से पूर्ण है, वहीं दूसरी तरफ उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही उतार-चढ़ाव से भरी रही है।
पैदाइशी नाम से इनकार
दरअसल, तब्बू का असली नाम ‘तबस्सुम फातिमा हाशमी’ है। लेकिन, बेहद छोटी उम्र में पिता से तलाक होने के बाद मां के साथ रही तब्बू और उनकी बड़ी बहन। अपनी मां की स्थिति देखकर तब वह अपने पिता से नफरत करने लगी। यही वजह है कि तब्बू ने एक्ट्रेस बनने से पहले ही अपना नाम बदल लिया और कभी हाशमी सरनेम अपने नाम के साथ नहीं लगाया।
टीचर बनना चाहती थी ‘तब्बू’
इनकी मां एक टीचर थी। अपनी मां को देखकर तब्बू में भी शिक्षक बनने की चाह जागी। लेकिन, 14 साल की उम्र में जब वह अपनी बड़ी बहन के साथ एक बॉलीवुड पार्टी में गई, वहां देवानंद की नजर तब्बू पर पड़ी। उन्होंने उसी वक्त तब्बू को ‘हम नौजवान’ में काम करने का ऑफर दिया।
एक तरफ जहां हर एक्ट्रेस दिल से बॉलीवुड में डेब्यू करना चाहती थी, वहीं दूसरी तरफ तब्बू ने एक बलात्कार पीड़ित का किरदार निभा कर लोगों को अपनी एक्टिंग से फैन बनाया।
एक इंटरव्यू के दौरान तब्बू ने बताया कि शुरुआत से ही वो शांत स्वभाव की रही हैं और ऐसे रोल से डेब्यू करना उनके लिए भी काफी चैलेंजिंग था।
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50 की होने के बाद भी हैं अकेली
बॉलीवुड में अक्सर स्टार्स के लिंकअप और ब्रेकअप की खबरें आना तो आम बात है। तब्बू का नाम भी कभी अजय देवगन तो कभी राजेश खन्ना के साथ जोड़ा गया। लेकिन, तब्बू और नागार्जुन के रिश्तों ने काफी सुर्खियां बटोरीं।
तेलुगु फिल्म ‘निन्ने पेलादाता’ में अपने को-स्टार नागार्जुन के प्यार में पड़ गई थी तब्बू। तब्बू की सादगी और उनका व्यवहार देख शादीशुदा होने के बावजूद भी तब्बू को अपना दिल दे बैठे थे नागार्जुन। तब्बू, नागार्जुन के लिए इस हद तक सीरियस हो गई थी कि वो मुंबई छोड़ हैदराबाद उनके साथ रहने आ गई। ऐसा कहा जाता है कि नागार्जुन ने अपने घर के बगल ही एक फ्लैट तब्बू को गिफ्ट किया था।करीब, 10 साल चले इस अफेयर का अंत भी तब हुआ जब नागार्जुन की पत्नी को उनके अफेयर की बात पता चली। तभी नागार्जुन की पत्नी ने तब्बू और परिवार में से किसी एक को चुनने का मौका दिया। उसी वक्त तब्बू को छोड़ 2012 में नागार्जुन ने अपनी पत्नी को चुना और तब्बू से दूरी बना ली। तब्बू, नागार्जुन से बेहद प्यार करती थी और शायद यही वजह है कि तब्बू आज तक अकेली हैं।
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