वेंटिलेटर पर बिजनौर की स्वास्थ्य सेवायें
देश भर में जहां कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। वहीं कोरोना से पीड़ित लोगो के लिये ऑक्सीजन की भारी किल्लत से चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है। दुनिया के बड़े देशो से शुरू होते हुए भारत के बड़े शहरो के बाद अब ग्रामीण इलाको में भी कोरोना महामारी ने रफतार पकड़ ली है।
देश भर में जहां कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। वहीं कोरोना से पीड़ित लोगो के लिये ऑक्सीजन की भारी किल्लत से चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है। दुनिया के बड़े देशो से शुरू होते हुए भारत के बड़े शहरो के बाद अब ग्रामीण इलाको में भी कोरोना महामारी ने रफतार पकड़ ली है।
एक तरफ माहामारी तो दूसरी तरफ देश में लचर स्वास्थ्य व्यवस्थायें रोजाना लोगो की जिदंगी लील रही है। कोरोना महामारी के बीच सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सीजन और अस्पतालो में मरीजो की बेड व सुविधायें न मिलने से हो रही है बिजनौर में भी कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्थायें वेंटिलेटर पर है इलाज और ऑक्सीजन की कमी के चलते रोजाना कई जिंदगियां दम तोड़ रही है ।
कोरोना से पीड़ितो अपनो की दम घुटती सांसो को ऑक्सीजन की संजीवनी देने के लिये लोग आक्सीजन के लिये जदोजहद करते सड़को पर लाचार भटकते दिख रहे है बिजनौर के धामपुर में ऑक्सीजन डिपो के बाहर ऑक्सीजन लेने वाले लोगो की भारी भीड़ देखने को मिल रही है ।
लोगों सुबह से ही ऑक्सीजन के लिये गैस डिपो के बाहर लाईने लगा लेते हे लेकिन गैस डिपो में लगे तालो को देखकर हताश होते लोग अपनो की बचाने की उम्मीद में घंटो खड़े इंतजार करने को मजबूर फिरते है बिजनौर के धामपुर और नजीबाबाद से कुछ ऐसी ही तस्वीरे और हालात सामने आये है गैस डिपो के बाहर आक्सीजन लेने आये लोगो ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की गाड़ी आने के बाद भी गैस डिपो नही खोला गया।
लोग बाईक, रिक्शा अपनी व्यवस्थाओं से सिलेंडर लेकर ऑक्सीजन लेने पहुंच तो जरूर रहे है लेकिन गैस डिपो पर लटके ताले पल पल उनकी आशा को निराशा में बदल रहे है ऑक्सीजन की किल्लत के साथ साथ बिजनौर में जहां लोगो को प्राइवेट अस्पतालो में भर्ती तक नही मिल रही वहीं उनकी आखिरी उम्मीद सरकारी व्यवस्थाओं की हालत भी बेहद खस्ता है।
हालाकि कि बिजनौर के जिला अस्पताल में कोविड वार्ड तो बनाया गया है सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजो के लिये ऑक्सीजन और वेंटिलेटर भी है लेकिन इन वेंटिलेटर को संचालित करने के लिये अस्पताल के पास टीम नही है कोरोना के कहर को देखते हुए अस्पताल में लाखो की कीमत से करीब दो दजर्न वेंटिलेटर तो खरीद लिये गये लेकिन ये वेंटिलेटर खुद धूल फांख रहे है जिले की लचर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से अब तक कई लोगो की जान जा चुकी है ।
जबकि सरकारी आकड़ो से अलग मरने वालो की संख्या कई गुना जयादा है बिजनौर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में पिछले साल कोविड—19 को देखते हुए 24 वेंटिलेटर खरीदे गये थे लेकिन कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद भी टीम न होने के कारण ये वेंटिलेटर शोपीस से जयादा कुछ नही। बिजनौर जिला अस्पताल के सीएमएस डा ज्ञान सिंह की माने तो 10 वेंटिलेटर मुरादाबाद भेजे गये है 10 वेंटिलेटर कोविड वार्ड में है लेकिन स्टाफ न होने के कारण संचालित नही हो पाये है जबकि बाकी बचे 4 वेंटिलेटर स्टोर की शोभा बढ़ा रहे है।
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली के चलते लोगो रोजाना इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे है। प्राइवेट अस्पतालो से दुतकार के बाद अब सरकारी अस्पतालो में भी इलाज न मिलने के कारण लाचार और बेबस लोग अब सिर्फ भगवान भरोसे ही दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में कोरोना के खिलाफ इस जंग में स्वास्थ्य व्यवस्थओं को लेकर जिले की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थायें किस पायेदान पर है।
रिपार्ट:-फैसल खान
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