बिहार में सियासी गर्माहट बरकरार, विपक्ष के दबाव के बाद शिक्षा मंत्री ने पद संभालते ही दिया इस्तीफा 

बिहार में अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए। जिसके बाद सरकार गठन की प्रक्रिया पूर्ण कर नीतीश कुमार ने सातवीं पर मुख्यमंत्री पद की शपथ की ली।

बिहार में अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए। जिसके बाद सरकार गठन की प्रक्रिया पूर्ण कर नीतीश कुमार ने सातवीं पर मुख्यमंत्री पद की शपथ की ली। उन्होंने अपने कैबिनेट विस्तार करते हुए जिम्मेदारियां सौंपी। इसी बीच 16 नवंबर को शिक्षा मंत्री की शपथ लेने वाले मेवालाल चौधरी ने चौथे दिन ही अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। अब राज्य में एक बार फिर सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं।

 

विपक्ष खड़े कर रहा था सवाल 

बताते चलें कि मेवालाल चौधरी के मंत्री बनने के बाद विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा था। बता दें कि जेडीयू कोटे से मंत्री मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जिसको लेकर विपक्ष द्वारा नीतीश सरकार द्वारा क्राइम, करप्शन, कम्युनलिज्म से कभी समझौता न करने के दावे पर सवाल खड़े किए जा रहे थे।

भ्रष्टाचार के हैं आरोप 

नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी वर्ष 2010-2015 तक भागलपुर के सबौर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे थे। इस दौरान उन पर नियुक्ति की अनियमितता को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और सबौर थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। हालांकि मेवालाल इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। भ्रष्टाचार के इन्हीं आरोपों को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार को घेर रहा था। जिस पर शिक्षा मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

तेजस्वी यादव ने कहा

मामले में जहां एक तरफ जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया गया है। उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से भी उच्च मापदंड का पालन करने को कहा है। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि सिर्फ इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के बाद अब यह जिम्मेदारी किसको दी जाती है, यह तो देखने वाली बात होगी।

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