आगरा : नहर सफाई के नाम पर हो रहा बड़ा घोलमाल
जहां एक और प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों को समय पर पानी मिलने व सही तरीके से पानी मिलने के लिए नहरों में सिल्ट की सफाई कराई जा रही है तो वही हो रही सफाई व्यवस्था को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं और अनियमितताएं भी देखने को मिल रही हैं।
जहां एक और प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों को समय पर पानी मिलने व सही तरीके से पानी मिलने के लिए नहरों में सिल्ट की सफाई कराई जा रही है तो वही हो रही सफाई व्यवस्था को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं और अनियमितताएं भी देखने को मिल रही हैं।
वहीं किसानों का कहना है कि सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है ना तो जमा शिल्ट को हटाया जा रहा है और ना ही नहर के किनारे बनी पटरीओ को दुरुस्त किया जा रहा है जिसके लिए सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए का बजट भी जारी किया गया है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कर सफाई को पूर्ण बता दिया जा रहा है
वहीं इसी को लेकर जन जन की आवाज अराजनैतिक के अध्यक्ष व किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने सैकड़ों किलोमीटर नहरो का निरीक्षण किया जिसके बाद वह फतेहपुर सीकरी के हंसपुरा पहुंचे जहां पर काफी संख्या की तादात में किसान एकत्रित हो गए और किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के बड़े आरोप लगाए एवं हंसपुरा पर बनी जर्जर पुलिया को लेकर भी किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिला किसानों का कहना था कि जर्जर पुलिया पर कई बार हादसे हो चुके हैं लेकिन नहर विभाग के द्वारा इस पुलिया का निर्माण नहीं कराया गया और यहां से निकलना भी खतरे से खाली नहीं होता वही किसानों का कहना था कि ठेकेदारों व अधिकारियों के द्वारा सफाई के नाम पर जमकर गोलमाल किया जा रहा है एवं रिक्त स्थानों की पूर्ति कर सफाई को पूर्ण बता दिया जा रहा है।
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जिससे कि नहर में पानी आने के बाद किसानों को काफी परेशान होना पड़ेगा और सरकार के द्वारा किसान हित में दिए गए करोड़ों के बजट को चूना लगा देंगे वही किसान नेता व स्थानीय किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि 7 नवंबर तक नहरों की सफाई व्यवस्था को मानक के अनुरूप पूर्ण नहीं कराया गया तो किसान 8 नवंबर से नहर के बीच में टेंट लगाकर धरना देने के लिए बाध्य होंगे वही किसान नेता श्याम सिंह चाहर व किसानों का कहना है कि यदि भूख हड़ताल की भी जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी की जाएगी अब देखना होगा कि किसान व किसान नेताओं के द्वारा दिए गए अल्टीमेटम को सिंचाई विभाग कितनी गंभीरता से लेगा ।
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