बस्ती : सैकड़ों किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा रक्तरंजित पत्र

एस.डी.चिल्ड्रेन एकेडमी आदर्शग्राम सहरायें में किसान नेता समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा के नेतृत्व में क्षेत्र के सैकडों किसानों ने अपने खून से रक्त रंजित पत्र

एस.डी.चिल्ड्रेन एकेडमी आदर्शग्राम सहरायें में किसान नेता समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा के नेतृत्व में क्षेत्र के सैकडों किसानों ने अपने खून से रक्त रंजित पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से अन्नदाता के पक्ष में आगे आकर किसानों की समस्या समाधान हेतु अपील किया अपने पत्र में किसानों ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी जिस तरह से देश का पालनहार अन्नदाता विगत कई दिनों से कडकडाती सर्दी में सडकों पर उतर अपने अधिकारों के रक्षा हेतु प्रदर्शन कर रहा है। किन्तु आपके सरकार के मंत्री व अधिकारी सिर्फ वार्ता पर वार्ता करते जा रहे हैं समस्या समाधान हेतु ठोस रणनीति नहीं तैयार कर रहे हैं।ऐसे में देश की निगाहें आप पर टिकी हुई हैं कि क्या वर्तमान सरकार उ.प्र.के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तरह अपने जिद को रखने हेतु प्रजातन्त्र के असली मालिक को सत्ता की गोलियों का शिकार बनायेगी या कल्याण सिंह की तरह प्रजाहित को सर्वोपरि मानेगी। क्या केन्द्र की आपकी सरकार लालबहादुर शास्त्री,चौधरी चरण सिंह व श्रद्धेय अटल जी के मार्ग पर चलकर देश के किसानों का सम्मान करते हुए उनके दुःखों के निवारणार्थ नये किसान बिल को वापस लेने या संसद का विशेष सत्र बुलाकर उस पर पुनर्विचार करने अथवा अटल जी द्वारा गठित स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागूं कर अन्नदाता के दुःखों का निवारण करते हुए अपने आपको आम आवाम का सच्चा हितैषी साबित करेगी या कार्पोरेट घरानों के दबाव में किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए उन्हे उनके हालात में मरने को छोड देगी।

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उन्होंने अपील किया है कि माननीय प्रधानमंत्री जी देश के नायक के तौर पर आप हम सबके भाग्यविधाता हैं किन्तु वर्तमान में आप अपनी भेषभूषा के अनुकूल आशाराम बापू की तरह सिर्फ देश को चमत्कार से चलाने में लगे हैं प्रधानमंत्री जी अच्छे दिनों का नारा देने से किसानों के अच्छे दिन नहीं आयेंगें अपितु उसके लिए ठोस नीति बनाकर कृषक को उसके उत्पाद का मंहगाई के सापेक्ष उचित मूल्य देना होगा वरन आप द्वारा बडी बडी घोषणाएं देश के लिए झूठी दिलासा साबित होगा।

ऐसे में विपक्ष द्वारा किया गया आपका फेंकूराम या झांसाराम का नामकरण उचित ही प्रतीत होगा।समाजसेवी ने लिखा कि प्रधानमंत्री पक्ष विपक्ष व देश के अन्नोत्पादक किसानों की तरफ से मेरा करबद्ध आग्रह है कि आप सत्ता व पद का अहंकार त्याग स्वंम् आगे आकर किसानों से वार्ता करते हुए समस्या का हल करें निश्चित तौर पर जिस तरह द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा को गले लगाकर उनकी दशा सुधार करके मित्रता का एक नया इतिहास रचा आपके इस कृत्य से न केवल देश के पालनहार की दशा सुधरेगी अपितु जनसेवक के तौर पर आपका सम्मान और बढ जायेगा।

इस मौके पर प्रभात शुक्ल, सुनील पाण्डेय, शुशील पाण्डेय, साहबराम गौतम,बाबूलाल गौतम,शिवपूजन पटेल,रामप्रसाद गौतम,जुग्गी लाल,कृपाशंकर शुक्ल, देवशरण शुक्ल, उमानाथ द्विवेद्वी, हनुमान बर्मा, रामकृष्ण शुक्ल, चन्द्रशेखर मिश्र,रामसजीवन तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, चन्द्रप्रकाश तिवारी, गयाप्रसाद बर्मा,घनश्याम पाण्डेय, हौसिला पाण्डेय, मृत्युंजय शुक्ल, शत्रुहन शुक्ल, सुनील यादव,मयंक मिश्र, राजाराम यादव,अवधेष पाठक,जगदीश सिंह, मयंक मिश्र, विजय मिश्र, अजय मिश्र, झपसू,मोतीलाल, जियावन,जगराम, फागू,सन्तराम, विवेक पाण्डेय, अतुल पाण्डेय, चन्द्र भूषण पाण्डेय, सत्यप्रकाश शुक्ल, रामजनम विश्वकर्मा सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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