बलिया: किसान विरोधी कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन

ये सरकार जो किसान विरोधी कार्य कर रही हैं हम सब इसका जम कर विरोध करते हैं । इसी क्रम मे वक्ता अपने-अपने विचार इस मंच के माध्यम से साझा कर रहे हैं।

खबर उत्तर प्रदेश के बलिया से है जहां किसान (farmer) विरोधी कृषि कानून को रद्द करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में कलेक्ट्रेट परिसर बलिया मे शनिवार को देर तक धरना प्रदर्शन चलता रहा। इसी क्रम में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति( राष्ट्रपति भवन) भारत सरकार नई दिल्ली को एक सात सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया ।

1- किसान विरोधी कानून को रद्द किया जाए।
2- एमoएसoपीoको कानून का रूप दिया जाय ।
3- कृषि सब्सिडी बढ़ाई जाए पूंजीपतियों को सब्सिडी देना बंद किया जाए।
4- नई श्रम संहिता एवं नई शिक्षा नीति को वापस किया जाए।
5- सबको शिक्षा सबको चिकित्सा और सब को काम दिया जाए
6- आंदोलन में शहीद किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।
7- नाजायज फंसाए गए आंदोलनकारियों को रिहा किया जाए।इन्हीं मांगों को लेकर धरना जारी रहा।

और वक्ताओं ने अपने, अपने विचार व्यक्त किए इसी क्रम में खेत मजदूर यूनियन के नेता रामकृष्ण यादव, ने बताया के संयुक्त किसान (farmer)  मोर्चा का राष्ट्रीय स्तर पर राज्य मार्ग पर चक्का जाम करने का जो कार्यक्रम 12 बजे से लेकर 3:00 बजे तक था, लेकिन उसे बदलकर के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली, को इस चक्का जाम से अलग रखते हुए इसकी जगह जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना, और ज्ञापन का कार्यक्रम रखा गया है ।

ये भी पढ़ें – अंधविश्वास में इस कदर अंधी हो गयी बहू ने तंत्र- मंत्र का सहारा लेकर ससुर के साथ कर डाला ऐसा ‘खौफनाक काम’ की जानकर उड़ जायेंगे होश

इसीलिए हम सब यहां इकट्ठा हुए हैं और हम बताना चाहते है कि ये सरकार जो किसान (farmer) विरोधी कार्य कर रही हैं हम सब इसका जम कर विरोध करते हैं । इसी क्रम मे वक्ता अपने-अपने विचार इस मंच के माध्यम से साझा कर रहे हैं।

विदेशी पूंजी के दबाव में कानून बनाना चाहती है

खेत मजदूर किसान (farmer) नेता रामकृष्ण यादव ने बताया कि पहली बार हमारे देश के भीतर एक ऐसी सरकार आई है जो अडानी ,और अंबानी ,और उनके साथ जुड़ी विदेशी पूंजी के दबाव में कानून बनाना चाहती है।

और आज अदानी और अंबानी कृषि को मुनाफे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं । अडानी और अंबानी इस मोदी सरकार को भारी पैसा मुहैया कराते हैं , ताकि उसी के हिसाब हिसाब से नीतियां बनाते बने और सरकार इन्हीं के साथ से काम कर रही है ।

आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए मजदूर किसान (farmer)  नेता ने कहा की आखिर 1955 आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करने का क्या मतलब होता है। यह तो इसी लिए बनाया गया था के यहां के लोगों को अनाज आसानी से मुहैया हो सके और मार्केट के भीतर नियंत्रण रहे । लेकिन इस कानून को समाप्त करके संशोधन करके यह सरकार जमाखोरों को बढ़ा देना चाहती है।मोदी सरकार अदानी और अंबानी के लिए मुनाफे का रास्ता बनाना कॉर्पोरेट का जाल बिछाना इस सरकार की नीति है।

हमारा देश संविधान से चलता है। सब जानते हैं कि हमारे देश में हर धर्म जाति के लोग रहते हैं, कहीं नहीं कहा गया है कि देश हिंदू धर्म के हिसाब से चलेगा, के मुसलमान धर्म के हिसाब, से या ईसाई धर्म के हिसाब ,से चलेगा बल्कि यह कहा गया है कि संविधान में रहते हुए संविधान के हिसाब से देश चलेगा।

और संविधान हमें- लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करने का, आंदोलन करने का अधिकार देता है। पर यह सरकार इस अधिकार को समाप्त करके हमारे संविधान पर हमला कर रही है । इसीलिए संविधान प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए पूरे देश भर में हिंदुस्तान के किसान आंदोलनरत है संयुक्त मोर्चा के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं।

Report- S.Asif Hussain zaidi

Related Articles

Back to top button