बलिया: बीजेपी पूर्व विधायक ने उठाए सवाल, कहा दूसरी लहर में हर गांव में हुईं 10 मौतें, जनता से माफी मांगे सरकार
कोरोना और दूसरे मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का सामना कर रही भाजपा सरकार को गाहे बगाहे कई बार पार्टी के भीतर से मुखर हो रही आवाजों दो चार होना पड़ रहा है।
कोरोना और दूसरे मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का सामना कर रही भाजपा सरकार को गाहे बगाहे कई बार पार्टी के भीतर से मुखर हो रही आवाजों दो चार होना पड़ रहा है। इस बार फायर ब्रांड कहे जाने वाले भाजपा नेता और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह (Ram Iqbal Singh) ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने सरकार के कोविड (COVID 19) के दौरान इलाज और व्यवस्था के दावों पर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने कहा है कि देश में कोरोना काल को काले वर्ष (Black Year) के रूप में याद किया जाएगा। सलाह दी है कि जिम्मेदार लोगों को जनता से माफी मांगनी चाहिये।
बलिया में मीडिया से बात करते हुए राम इकबाल सिंह ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जनता अस्पतालों में तड़प-तड़पकर मरी है। सरकार ने साल 2020 में आए कोविड 19 प्रकोप से कोई सबक नहीं लिया। दावा किया कि कोई ऐसा गांव नहीं जहां कोरोना से 10 लोग न मरे हों। कहा कि बलिया में महज 30 बेड का अस्पताल था और वह भी बिना ऑक्सीजन प्लांट के चल रहा था।
स्वास्थ विभाग सीएसी, पीएचसी को मिलाकर 1000 से 1500 बेड का संचालित कर सकता था। पर इसको लेकर कोई तैयारी नहीं थी। खेजुरी, दुबहड़, नगरा व रसड़ा को कोविड सेंटर बनाने की मांग की गई थी। लोग हवा (ऑक्सीजन) के बगैर तड़प-तड़पकर मरे हैं। बलिया में स्वास्थ्य व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए कहा कि 34 लाख की आबादी वाले जिले में न तो न्यूरो सर्जन और कार्डियोलाॅजिस्ट हैं और न ही किडनी लीवर के डॉक्टर।
गेहूं खरीद पर भी उठाए सवाल
राम इकबाल सिंह ने स्वास्थ्य व्यवस्था ही नहीं गेहूं खरीद को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब घर-घर घूमकर वैक्सीन (Vaccine) लगाई जा सकती है तो किसानों के घर जाकर गेहूं की खरीद क्यों नहीं की जा सकती। ट्रालियों पर मशीनें लादकर किसानों के घर जाकर गेहूं खरीद करनी चाहिये थी।
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