आजमगढ़ : जब बेसहारा युवती का पिता बन दारोगा ने किया ‘कन्यादान’
आजमगढ़ कहते हैं कि कण-कण में ईश्वर है वह कहीं भी किसी भी रूप में मिल जाते हैं एक युवती जो साथ जीने मरने की कसम खाकर प्रेमी के साथ गुडगांव गई थी लेकिन उसे गर्भवती करने के बाद प्रेमी छोड़कर फरार हो गया।
आजमगढ़ कहते हैं कि कण-कण में ईश्वर है वह कहीं भी किसी भी रूप में मिल जाते हैं एक युवती जो साथ जीने मरने की कसम खाकर प्रेमी के साथ गुडगांव गई थी लेकिन उसे गर्भवती करने के बाद प्रेमी छोड़कर फरार हो गया। जब वह घर लौटी तो मां-बाप उसे उल्टा का कर घर से निकाल दिए नया के लिए दर-दर भटक रही थी कि मुलाकात रानी की सराय थाने में तैनात एक दरोगा से हुई जो उसके लिए भगवान बन गया।
दरोगा के इस नेक काम यह चर्चा है
दरोगा ने युवती की आपबीती सुनने के बाद न केवल उसके प्रेमी और उसके परिवार को शादी के लिए राजी किया बल्कि खुद एक पिता की तरह हम मंदिर में युवती का कन्यादान किया। वहीं नहीं दरोगा ने अपनी शक्ति के अनुसार उसे उपहार भी भेंट किया दरोगा के इस नेक काम यह चर्चा है लोग बस यही कह रहे हैं कि काश यूपी पुलिस का हर अधिकारी कर्मचारी दरोगा सुल्तान सिंह जैसा होता मामला रानी की सराय क्षेत्र के चांदी टिकट गांव निवासी शिवापुर गुड़गांव में रहकर इलेक्ट्रिशियन का काम करता था बताते हैं।
शादी से इंकार कर दिया अपने पिता के घर गई
कि वह पिछले दिनों का घर आया तो क्षेत्र के ही 1 गांव की युवती से प्रेम हो गया इसी दौरान वही अपने जीजा के घर गुड़गांव गई इसकी जानकारी होने पर प्रेमी उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया और दिल्ली में रख दिया जो शिवा उसे छोड़कर फरार हो गया यह जानकारी हासिल की पता चला कि अपने गांव चला गया है इसके बाद वह गांव आकर शिवा से मिली तो उसने शादी से इंकार कर दिया अपने पिता के घर गई।
पंचायत के बाद भी कोई तो फैसला नहीं हो पाया
तो उन्होंने भी घर में रखने से इंकार कर दिया अब युवती के :न तो अपना परिवार था ना ही प्रेमी का साथ वह इधर-उधर भटकती रही इसके बाद मजबूरन होकर रानी की सराय थाने में युवक के खिलाफ शिकायत की पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को बुलाया वन टू पंचायत के बाद भी कोई तो फैसला नहीं हो पाया।
इसके बाद भी इस मामले को देख रहे दरोगा सुल्तान सिंह ने हार नहीं मानी उन्होंने शिवा और उसके परिवार वालों कोसमझा-बुझाकर शादी के लिए राजी कर लिया लेकिन युवती के परिवारों के लोग नहीं माने फिर क्या था सुल्तान सिंह ने सुबह पिता की जिम्मेदारी का निर्वाहन किया और मंगलवार की दोपहर रानी की सराय पोखरा स्थित मंदिर के दोनों की शादी करा दिए सुल्तान सिंह ने कहा कि उसके पास शिकायत लेकर आई थी उसकी हालत देख उन्हें लगा कि कुछ करना चाहिए उन्होंने लड़के वालों को शादी के लिए राजी किया और दोनों की शादी करा दी।
रिपोर्ट -अमन गुप्ता
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