Azamgarh News: स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों का घोटाला, नियम विरुद्ध हुई ‘नियुक्ति’

ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।मंडलायुक्त से शिकायत करने वाले भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रविशंकर तिवारी है।

आजमगढ़: जिला मंडलीय अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत जब मंडलायुक्त से हुई तो उन्होंने डीएम को निर्देशित किया, जिलाधिकारी ने जाँच के आदेश जारी किए, तीन सदस्यीय जाँच कमेटी गठित हुई लेकिन लोक सभा उप चुनाव के चलते जाँच अटक गई,एक बार फिर कमेटी को सक्रिय किया गया है।साक्ष्य सहित की गई शिकायत में अस्पताल को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए शासकीय धन की लूट किए जाने का आरोप लगाया गया है। जिसके लिए शिकायतकर्ता ने अस्पताल के प्रभारी एसआईसी, नेत्ररोग विशेषज्ञ व ब्लड बैंक के एलटी को जिम्मेदार बताया है। पत्र में शिकायतों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।मंडलायुक्त से शिकायत करने वाले भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रविशंकर तिवारी है।

 नियम विरुद्ध हुई नियुक्ति

उन्होंने मंडलायुक्त को संबोधित शिकायती पत्र में एक दो नहीं बल्कि कुल 15 बिंदुओं पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कुछ कर्मचारी तो यहां ऐसे है जो 30-30 सालों से यहां जमे हुए है। स्थानांतरण होने पर विकलांग प्रमाण पत्र तो कभी राजनीतिक दबाव के बल पर अपना स्थानांतरण रुकवा लेते है। अस्पताल में जो संविदा आउटसोर्सिंग के पद है, उनमें 18 पदों पर नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रहास ने नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्ति किया है। पूर्व एसआई डॉ. एसके सिंह ने शासन को पत्र लिख कर बताया था कि ई-हॉस्पिटल के संचालन के लिए कर्मचारी प्रशिक्षित हो चुके है। जिसके चलते संविदा पर कार्य कर रहे 12 आपरेटरों की सेवा समाप्त कर दी गई। वहीं अब वर्तमान एसआईसी ने छह कंप्यूटर आपरेटरों को धन लेकर ज्वाइन कराया है।

1 करोड़ से अधिक के गबन

ई- हास्पिटल के लिए 2019 से प्रत्येक वर्ष कप्यूटर व लैपटॉप की खरीद एसआईसी, नेत्र रोग विशेषज्ञ व ब्लड बैंक एलटी सुबास पांडेय के फर्मो के माध्यम से बाजार से अधिक रेट पर किया जा रहा है।रविशंकर तिवारी ने बताया कि अस्पताल की स्पेशल आडिट के दौरान आडिट टीम ने एक कर्मचारी पर 1 करोड़ से अधिक के गबन को प्रमाणित किया था लेकिन अब तक उक्त कर्मचारी पर कोई कार्रवाई अस्पताल प्रशासन ने नहीं की है। इतना ही नहीं 17.50 लाख खर्च कर 480 सीलिंग पंखा खरीदा गया है, जिसमें भी बड़ा घोटाला हुआ है।इस मामले में गठित की गई समिति के सदस्य व एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि जाँच की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है।जांच पूरी होने होने पर आख्या उच्चाधिकारियों व शासन को प्रेषित कर दी जायेगी।

रिपोर्ट-अमन गुप्ता

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