आजमगढ़ : एक्स-रे के लिए मुर्दों को भी लगानी पड़ी लाइन
आजमगढ़ जीवित अपनी सुविधाओं के लिए नंबर लगाकर इंतजार करे, तो बात समझ में आती है, लेकिन यहां तो एक्स-रे के लिए मुर्दों को भी लाइन लगानी पड़ती है।
आजमगढ़ जीवित अपनी सुविधाओं के लिए नंबर लगाकर इंतजार करे, तो बात समझ में आती है, लेकिन यहां तो एक्स-रे के लिए मुर्दों को भी लाइन लगानी पड़ती है। बात अजीब लग सकती है, लेकिन इस सच्चाई को मंडलीय जिला अस्पताल में देखा जा सकता है। कभी-कभी गोली से मृत लोगों के शवों के एक्स-रे की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसके लिए अभी तक अलग से व्यवस्था नहीं की जा सकी।
ऐसा ही एक नजारा शुक्रवार को मंडलीय जिला अस्पताल के एक्स-रे रूम में दिखा, जहां लोग पहले से ही एक्स-रे के लिए लाइन में खडे होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।उसी बीच शव को लेकर पोस्टमार्टम कर्मी वहां पहुंच गए। यह स्थिति देख पहले से लाइन लगाए लोग किनारे हट गए। लगभग चार साल पूर्व शासन ने अत्याधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनाने का बीड़ा उठाया तो उसमें लगभग 52 लाख खर्च कर दिया गया। आधा-अधूरा काम कराने के बाद अधिकारी बिल्कुल मौन हो गए।
आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस में एक्स-रे टेक्नीशियन तो हैं, लेकिन आज तक एक्स-रे मशीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। इतना ही नही साफ-सफाई के अभाव में यह स्थान जगह-जगह गंदगी से पटा पड़ा है। किन-किन संसाधनों की है जरूरत -आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस में एक्स-रे मशीन, नई कुर्सी-मेज की व्यवस्था, कंप्यूटरीकृत रिपोर्ट के लिए कंप्यूटर आपरेटर होने चाहिए, कम से कम दो सफाई कर्मचारियों और एक चौकीदार नियुक्त होना चाहिए, लेकिन चार साल बाद भी इनमें से कोई सुविधा नहीं है।
पोस्टमार्टम हाउस में एक्स-रे मशीन लगवाना शासन का काम है। हमने पिछले दो सालों से एक्स-रे मशीन के लिए शासन को कोई पत्र नहीं भेजा। उससे पहले कोई भेजा होगा तो इसकी हमें जानकारी नहीं है।
रिपोर्ट- अमन गुप्ता
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