आजमगढ़: तीन साल बाद भी अधर में मुर्दो का ठंडा घर

आजमगढ़ में जिदों को इंसाफ का दावा सरकार कितना भी कर ले, लेकिन मुर्दों के बारे में क्या कहा जाए। तीन साल बाद भी मुर्दों को रखने के लिए बना ठंडा घर अधर में है।

आजमगढ़ में जिदों को इंसाफ का दावा सरकार कितना भी कर ले, लेकिन मुर्दों के बारे में क्या कहा जाए। तीन साल बाद भी मुर्दों को रखने के लिए बना ठंडा घर अधर में है। लगभग तीन साल पूर्व सरकार ने 52 लाख खर्च कर मुर्दों के के लिए आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनाने की योजना बनाई।

लगभग एक साल में तैयार होने के बाद सीएमओ को हैंडओवर भी कर दिया गया। उसके बाद का अधूरा काम स्वास्थ्य विभाग को पूरा करना था, लेकिन विभाग की करनी सामने आ रही है।

शासन ने शवों को सुरक्षित रखने के लिए 2018 में ही छह फ्रीजर भेजे थे, लेकिन उसको प्रयोग में लाने में लगभग एक साल लग गए। 2019 में फ्रीजर तो लगाए गए, लेकिन इलेक्ट्रानिक पैनल लगाने में एक साल लग गए।

बात मीडिया तक पहुंची तो मंडलायुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया। उसके बाद फ्रीजर चलाने के लिए इलेक्ट्रिक पैनल लगाया गया, लेकिन पैनल लगने के बाद दो फ्रीजर भी खराब हो गए। वर्तमान समय में छह में से चार फ्रीजर में मात्र दो चल रहे हैं। इसकी मरम्मत की जरूरत विभाग ने महसूस नहीं की।

पोस्टमार्टम हाउस में हर दिन पांच से 10 शव आते हैं। अब सवाल यह है कि दो फ्रीजर में किसके शव को फ्रीजर में रखा जाए। सीएमओ डॉक्टर ए के मिश्रा का कहना है की इस बात की जानकारी है कि पिछले दो माह से आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस के चार फ्रीजर खराब हैं। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। वहां से बनाने के लिए बजट मिलने पर काम शुरू होगा।

रिपोर्ट-अमन गुप्ता

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