आजमगढ़: बाहुबलिओं को बीजेपी ने वॉक ओवर तो नहीं दिया!
राजनैतिक गलियारों में आजमगढ़ का नाम दिया जाता है, तो बाहुबली शब्द हर किसी की जुबान पर बरबस ही आ जाता है तभी तो प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सरकार बीजेपी की है।
राजनैतिक गलियारों में आजमगढ़ का नाम दिया जाता है, तो बाहुबली शब्द हर किसी की जुबान पर बरबस ही आ जाता है तभी तो प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सरकार बीजेपी की है।
इसके बाद भी आजमगढ़ में बाहुबलियों का दबदबा है। हम नहीं कह रहे हैं चर्चाओं की हवा में तैर रही लोगों की जुबानी है वैसे गौर करें तो बाहुबलियों के चुनाव में उतरने के बाद बीजेपी ने उन सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं, कारण की एक तरफ हार का डर कहा जा रहा है तो दूसरी तरफ इसे विधानसभा चुनावों को देख लिया गया सोचा समझा निर्णय बताया जा रहा है कारण कि आजमगढ़ में सारे दल एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं और बीजेपी अकेली है।
जिले में ऐसा ही कुछ जिला पंचायत चुनावों में देखने को मिला और अब ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भी इनका असर दिख रहा है। सपा नेता और बाहुबली दुर्गा प्रसाद से हार का कड़वा स्वाद चख चुकी बीजेपी को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे ब्लॉक प्रमुख चुनावों में उसने बाहुबलियों को वॉकओवर दे दिया है। तभी तो बीजेपी ने चार प्रत्याशियों के खिलाफ अपना एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है।
पार्टी ने पल्हना से दावेदार रहीं जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह की पत्नी का टिकट काट दिया है। वहीं भाजपा ने रमाकांत यादव, मुन्ना सिंह,सोनू सिंह सहित कई बाहुबलियों के सामने अपना प्रत्याशी मैदान में नही उतारा है।अब हर जगह ये चर्चा है कि क्या बीजेपी बाहुबलियों के सामने कमजोर पड़ रही है, या फिर ये दूरदर्शी सोच के कारण ऐसा किया जा रहा है। उसका कारण है कि जल्द ही विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं ऐसे में बीजेपी किसी भी हालत में ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भी हारना नहीं चाहती है क्योंकि इसका सीधा असर विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा।
रिपोर्ट- रामअवतार उपाध्याय
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