आजमगढ़: गन्ना किसानों की समस्याओं के आगे सरकार की तमाम योजनाएं फेल

सरकार भले ही गन्ना किसानों के हित में तमाम योजनाओं को लागू करने की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है

सरकार भले ही गन्ना किसानों के हित में तमाम योजनाओं को लागू करने की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित सठियांव चीनी मिल पर इस समय किसानों की भारी भीड़ लगी है.

लाइन से दर्जनों गन्ना लदे ट्रैक्टर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन यहां पर किसानों की सुविधाओं के नाम पर काफी कमियां है। किसानों को पर्ची जारी करने में तमाम समस्याएं हैं।

पर्ची जारी होने के बाद जब किसान अपने गन्ने को कॉल करने के लिए ले जाते तो उनके सामने और कई कमियां बता कर लौट आने का प्रयास किया जाता है। हालांकि काफी मान मनोबल और विरोध के बाद गन्ने को तो ले लिया जाता है लेकिन कई किसान वापस लौटने को मजबूर होते हैं। तुम्हारा खाता बंद करवा देंगे किसानों को चीनी मिल के अधिकारियों की तरफ से धमकी दी जाती है गार्ड परेशान करते हैं।

इसके अलावा गन्ना ट्रैक्टरों को ले जाने के लिए जो रास्ता है वह पूरा गड्ढा युक्त है जिससे कई बार ट्राली के पलटने की संभावना बनी रहती है। किसान दूर-दूर से यहां पर गन्ना लाख कर ले आते हैं जिससे उनका खर्च काफी पड़ जाता है लेकिन किसान की कमाई जस की तस रह जाती है। किसानों को पर्ची जारी करने के बाद 3 दिन के अंदर ही पहले गन्ना ले आने के लिए कहा जाता था। काफी विरोध के बाद 13 दिन किया गया फिर 8 दिन कर दिया गया।

बाइट:- किसान

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