आजमगढ़ : कोरोना की काली छाया हटने बाद गुलजार दिखे बाजार

बिना किसी बंदिश के लोग घरों से बाहर निकले और सहरी व इफ्तार के लिए सामान की खरीदारी की। फलों में केला , खीरा, ककड़ी, नींबू की सबसे ज्यादा मांग रही।

आजमगढ़ : माह-ए-रमजान यानी सबसे पाक महीना जिसके आने का अकीदतमंदों को पूरे साल इंतजार रहता है। इसके पहले दिन मुसलमानों के चेहरे पर एक अलग तरह का उत्साह दिखा। इस साल उत्साह दोगुना हो गया है। कारण कि दो साल बाद कोरोना की काली छाया पूरी तरह से हट चुकी है। इस दौरान लोगों ने जमकर ख़रीदारी की।खरीदारों से प्रमुख बाजार गुलजार रहे। बिना किसी बंदिश के लोग घरों से बाहर निकले और सहरी व इफ्तार के लिए सामान की खरीदारी की। फलों में केला , संतरा, तरबूज, खीरा, ककड़ी, नींबू की सबसे ज्यादा मांग रही।

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इफ्तार के लिए मक्का मदीने की खजूरें , चिप्स-पापड़ और नमकीन खरीदे गए। एक साथ नवरात्र और माह-ए-रमजान के कारण दुकानदारों के भी चेहरे खिले दिख रहे हैं। उनका कहना है कि दो साल बाद ठीक से व्यापार करने का मौका मिला है। शहर में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र तकिया, पहाड़पुर, कोट, बाजबहादुर आदि मोहल्लों में सुबह से ही भीड़भाड़ नजर आई। इसके अलावा, सभी मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में दुकानदारों ने भी तैयारी कर रखी है। सेवईं, खजूर से लेकर खासतौर से ककड़ी और तरबूज जैसे ठंडे फलों के ठेले लगे हुए हैं। कोई सहरी के लिए किराने की दुकान पर बेसन, चीनी, सूजी खरीद रहा था तो कोई दूध और ब्रेड। खुशी इस बात को लेकर भी दिखी कि अबकी इफ्तार के लिए गर्म जलेबी और पकौड़ी भी बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।

रिुपोर्ट-राम षकल यादव आजमगढ़

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