गाजियाबाद : ऑटो गियर कंपनी ने भेजा ले ऑफ, सैकड़ों कर्मचारी हुए बेरोजगार

गाजियाबाद : ऑटो गियर कंपनी ने भेजा ले ऑफ, सैकड़ों कर्मचारी हुए बेरोजगार

गाजियाबाद : देशभर में लॉकडॉउन के चलते आम आदमी आर्थिक तंगी से त्राहि-त्राहि कर रहा है। वहीं इस भयंकर मंदी की मार अब औद्योगिक जगत में भी दिखने लगी हैं। अभी हाल ही में गाजियाबाद के साहिबाबाद साइट 4 में साइकिल बनाने वाली नामचीन कंपनी एटलस के बंद होने का विवाद पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था, कि आखिरकार सोमवार को एक बार फिर साहिबाबाद साइट 4 स्थित ऑटो गियर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से कर्मचारियों को ले ऑफ पर भेज देने की बात सामने आ गई।

मजदूरों के बताया कि रोजाना की तरह वह सोमवार सुबह भी कंपनी पहुंचे थे। तभी कंपनी के बाहर ले ऑफ का नोटिस लगा हुआ था।

नोटिस में लिखा था कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम वाली 1957 नियम के अंतर्गत कंपनी के 192 में से 186 कर्मचारियों को ले ऑफ नोटिस (बैठकी) दिया जा रहा है। साथ ही नोटिस में लिखा था कि काम बंदी होने के चलते मंदी का असर कंपनी की आर्थिक स्थितियों पर पड़ा है। जिसके चलते 186 कर्मचारियों को ले ऑफ नोटिस दिया गया है।

इस नोटिस को पढ़कर कर्मचारियों ने कंपनी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और न्याय की मांग करने लगें। मजदूरों का कहना है कि कंपनी से एकाएक निकाल दिए जाने से घर का खर्च कैसे चलेगा? ऐसे में उनके सामने परिवार खर्च चलाने के लिए अब बड़ा संकट सामने आ खड़ा हुआ है।

वही मजदूरों ने यह भी बताया कि कंपनी में भारी मात्रा में गाड़ियों के पुर्जे बनाने का काम होता था। ऐसा कहीं से भी नहीं लगता था कि कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है।

सी आई टी यू के महासचिव जेपी शुक्ला, अध्यक्ष ईश्वर सिंह त्यागी के अनुसार कंपनी ने कर्मचारियों को अप्रैल और मई माह का वेतन भी नहीं दिया था। ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों की हालत पहले से ही खस्ता चल रही थी और अब सोमवार को कंपनी ने एकाएक अपने 186 कर्मचारियों को ले ऑफ नोटिस पर भेज दिया गया।

 

ऐसे में अब मजदूरों के आगे परिवार का खर्च चलाने के लिए बहुत बड़ा आर्थिक संकट सामने आ खड़ा हुआ है। वही जेपी शुक्ला ने बताया कि अब इस मामले में श्रम विभाग और यूपी सरकार से गुजारिश की जाएगी कि तुरंत कंपनी को दोबारा चलाया जाए और कर्मचारियों को वापस काम कर लिया जाए।

फिलहाल कंपनी प्रशासन की तरफ से नोटिस की एक कॉपी गाजियाबाद उप श्रम आयुक्त राजेश मिश्रा को भेजी गई है। दूसरी कॉपी कंपनी के मैन गेट पर चस्पा की गई है।

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