औरंगाबाद: राजनीतिक हक और अधिकार के लिए कायस्थ समाज का शंखनाद
कायस्थों के राजनीतिक अधिकारों तथा राजनीति में उनकी उपेक्षा के विरोध में व्यापक स्तर पर आवाज बुलंद की जाएगी।
कायस्थों के राजनीतिक अधिकारों तथा राजनीति में उनकी उपेक्षा के विरोध में व्यापक स्तर पर आवाज बुलंद की जाएगी। यह बात ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने औरंगाबाद जिला मुख्यालय में कर्मा रोड स्थित चित्रगुप्त सभागार में कायस्थ मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उल्लेखनीय है कि कायस्थ समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण तथा नई दिल्ली में आगामी 19 दिसंबर को होने वाले विश्व कायस्थ महासम्मेलन की तैयारी को लेकर यह कायस्थ मिलन समारोह आयोजित किया गया था।
ग्लोबल अध्यक्ष श्री प्रसाद ने कहा कि अब समय चुप बैठने का नहीं है । यदि कायस्थ समाज अपनी उपेक्षा तथा हकमारी के खिलाफ आवाज को जोरदार ढंग से नहीं उठाएगा तो इस समाज के अस्तित्व पर ही संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार लड़ाई निर्णायक और महत्वपूर्ण है। इसलिए आज आवश्यकता सभी को किसी भी प्रकार के ‘कितु-परन्तु’ को छोड़कर एकजुट होने की है । सवाल कायस्थ समाज की प्रतिष्ठा को बचाने और अपने वाजिब हक को लेने का है।
कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है। कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहें हैं। स्वामी विवेकानंद, जगतपति कुमार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति देशर‘ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर जा रहा है। इसे देखते हुए हमें जागने की जरूरत है।
राजीव रंजन ने कहा कि इस संगठन का विस्तार दुनिया भर में है और इसके विस्तार के लिए कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के लोगों के योगदान को याद करते हुए संगठित करना और अपने अस्तित्व को मजबूत कर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ना है। जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि आगामी 19 दिसंबर को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘ उम्मीदों का कारवां’ के जरिए देश में कायस्थ राजनीति की दशा और दिशा तय होगी, साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्बारा राजनीति में कायस्थों की लगातार की जा रही उपेक्षा के विरोध में व्यापक स्तर पर आवाज बुलंद की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए। उन्होंने सभी को नई दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। श्रीमती रंजन ने कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।
प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कि आज के समय में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए और संगठन को मजबूत करते हुए सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से सबल होना चाहिए। डा.आनंद ने कहा कि कायस्थ राजाओं, साम्राज्यों और उनके साहसिक शासनकाल का अविस्मरणीय योगदान रहा है जिसे कायस्थ समाज एक बार फिर दोहराएगा। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने जीकेसी सदस्यता अभियान में युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में हमारे महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय है। यदि कायस्थ समाज अब नहीं चेता तो बहुत देर हो जाएगी। हमें राजनीतिक दलों का पिछलग्गू बनने के बजाय एकजुट होकर एक ऐसी आवाज बनना है जिसे कोई अनसुना ना कर सके। विश्व कायस्थ महासम्मेलन का मूल उद्देश्य सभी कायस्थ संगठनों, विद्बानों, प्रमुख हस्तियों और समाज के सभी लोगों को एकजुट कर एक मंच पर लाना है जिससे राजनीति समेत सरकारी एवं निजी नौकरियों में कायस्थ जाति की हो रही उपेक्षा के विरोध में एकजुट होकर हम बड़े आंदोलन तथा अभियान की रूपरेखा तय कर सकें।
इस बैठक में औरंगाबाद के अध्यक्ष सह जीकेसी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी कमल किशोर, डॉ. शीला वर्मा, डॉ. अनिल सिन्हा, अजय कुमार संतोष, महासचिव अजय वर्मा, ई. ब्रजेश श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, श्रीराम अम्बष्ट, रवीन्द्र कुमार सिन्हा, मधुसूदन प्रसाद, मुकेश सिन्हा, राजू रंजन सिहा, टी.पी. वर्मा, मनोज सिन्हा चुन्नू राजेश सिन्हा, सुनील सिन्हा, डॉ. वैभव श्रीवास्तव, संजीव सिन्हा, संजय श्रीवास्तव, ओम प्रकाश सिन्हा, संजय सिन्हा, मनीष सिन्हा, प्रवीण कुमार, नीतू रमण, अनिल वर्मा श्याम, भारती श्रीवास्तव, संजना किशोर, कामिनी वर्मा, निभा सिन्हा, अंजू सिन्हा, रूबी सिन्हा ने भी भाग लिया । कार्यक्रम में पटना से आये दीपक अभिषेक (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), संजय सिन्हा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), प्रेम कुमार (राष्ट्रीय अध्यक्ष मीडिया), विद्याभूषण डब्लू (राष्ट्रीय सचिव), आशुतोष ब्रजेश (प्रदेश अध्यक्ष आईटी, बिहार), सुशील श्रीवास्तव (पटना जिला अध्यक्ष), दिवाकर कुमार वर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ) आयुष सिन्हा (प्रदेश सचिव, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ), बलिराम जी(संगठन मंत्री), भी उपस्थित थे।
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