चीन को टक्कर देंगी बहनों के हाथ की बनीं ये राखियां, इस तरह की जा रही हैं तैयार
ashes made by sisters hands will compete with China लाइफस्टाइल डेस्क. भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार रक्षा बंधन अगले महीने है। वहीं अब बहनों को भाई के हाथों में राखी बांधने के लिए उत्सुक है तो वहीं भाईयों को बहनों के आगमन का इंतजार रहता है।
ashes made by sisters hands will compete with China
चीन और भारत की तनातनी के बीच स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्वदेशी राखी बनाकर बेचने के लिए कमर कस ली है।
छोटे-छोटे समूहों में राखी बनाने का काम भी शुरू हो गया है। बाजार में धागे, कपड़े, सजावटी सामान खरीद लिया गया है।
मातृ मंडल सेवा भारती के तहत आने वाले वैभव श्री समूह की सदस्य राखी बनाने का काम कर रही हैं।
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इसके लिए पांच सौ महिलाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया गया।
यह महिलाएं अब अपने घरों में राखी तैयार कर रही हैं। पहले सिर्फ धागे बनाने की
योजना थी, लेकिन अब राखियां भी तैयार की जा रही हैं।
एक राखी को बनाने में पांच से दस रुपये की लागत आती है, लेकिन इस राखी को
बाजार में आसानी से 20 से 25 रुपये में बेचा जाता है।
इन राखियों को धागे, कपड़े और अन्य सजावटी सामान से तैयार किया जा रहा है
अभी तक हम दो-तीन हजार राखी तैयार कर चुके हैं। लॉक डाउन के कारण माल
मिलने में दिक्कत आई, इसलिए देरी हो गई।
इन राखियों को ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से बेचा जाएगा।
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