अब आया है ‘हायर एंड फायर’ का नियम…..
ये है मोदी सरकार का असली चेहरा जो कोरोना काल मे बेनकाब हुआ है.........
जी हाँ, कृषि कानूनों (agricultural laws) के बाद एक ओर खतरनाक कानून को आज संसद की स्वीकृति मिल गयी है और इस कानून के बारे में जानकर वो नौकरीपेशा अंधभक्त (jobless blind devotees) जो हाथ उठाकर ‘हेल हिटलर’ की तरह ‘हेल मोदी’ चिल्लाते हुए घूमते है उन्हें बड़ी खुशी होगी वैसे हो सकता है बहुत जल्द ही वह खुद इस कानून का शिकार बन जाए।
आज राज्यसभा में भी श्रम कानून से जुड़े तीन अहम विधेयक पास हो गए हैं. इनमें सामाजिक सुरक्षा बिल 2020, आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता बिल 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता बिल 2020 शामिल हैं. सरकार ने इन्हें श्रम सुधारों की दिशा में बड़ा कदम बताया है लेकिन असलियत में ये श्रम सुधार नियोक्ताओं के लिए कर्मचारियों की छंटनी को आसान बनाने के लिए है
किसी भी कर्मचारी को एक मिनट में निकाल सकती है
श्रम कानून में बदलाव का सबसे ज्यादा असर कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों पर होगा. दरअसल अब नियोक्ता की कर्मचारियों की कभी भी छंटनी करने का अधिकार मिल गया है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि अब चार में से तीन कंपनियों को ये अधिकार मिल जाएगा कि वो कभी भी अपनी कंपनी से किसी भी कर्मचारी को एक मिनट में निकाल सकती है.
इस नए तथाकथित सुधार से कंपनी, फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को सजा देने, निकालने, प्रमोशन में पक्षपात जैसे नियम पूरी तरह से कंपनी के हाथों में आ गए हैं
लेकिन अब इसकी जरूरत खत्म कर दी गयी है
अब तक नियोक्ता कंपनी कानून के तहत किसी भी कर्मचारी को एकदम से नहीं निकाल सकते थे इसके लिए कंपनियों को किसी भी कर्मचारी को अचानक निकालने से पहले उसे सूचना देनी पड़ती है और साथ ही कुछ महीनों की सैलरी देनी पड़ती है ताकि वो दूसरी नौकरी का इंतजाम कर सके…… लेकिन अब इसकी जरूरत खत्म कर दी गयी है।
शिफ्ट के घण्टे बढ़ाए जाने को अनुमति भी दे दी गयी है
नए कानून के तहत 300 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी जल्द ही सरकार से पूर्व मंजूरी लिए बिना अपने स्टाफ की जब चाहे छंटनी कर सकेगी। पहले यह छोटी यूनिट जिसमें 100 लोग प्रतिदिन काम करते हो उनके लिए ही सम्भव था लेकिन अब मोदी जी की कृपा से बड़ी बड़ी कंपनियां / प्रतिष्ठान या कारखाने इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। बहुत जल्द ही शिफ्ट के घण्टे 8 से 12 भी कर दिए जाएंगे, यूपी जैसे राज्यों में तो शिफ्ट के घण्टे बढ़ाए जाने को अनुमति भी दे दी गयी है।
ईश्वर न करे अंधभक्त भी कभी ऐसी परिस्थितियों को झेले लेकिन यदि उनके जीवन मे कभी ऐसी परिस्थिति आए तो उस क्षण को जरूर याद करे जब उन्होंने कमल निशान पर बटन दबाया था और मशीन बोली थी।
गिरीश मालवीय
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